बरवाडीह। तीन दिनों तक चलने वाली छठ पूजा की शुरुआत मंगलवार शाम खरना के साथ शुरू हो गया। वही आज ढलते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। जिसे लेकर बरवाडीह प्रखंड के विभिन्न छठ पूजा समितियों के द्वारा छठ घाटों पर व्यवस्थाओं के अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं ताकि किसी भी प्रकार की समस्या घाटो तथा रास्तों में छठ व्रतियों तथा श्रद्धालुओं का ना हो। वही बरवाडीह प्रशासन के द्वारा भी विभिन्न छठ घाटों पर विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए व्यापक रूप से पुलिस के जवान तैनात हैं। वही पेट्रोलिंग टीम गठित कर विभिन्न छठ घाटों का निरीक्षण भी बरवाडीह प्रखंड विकास पदाधिकारी राकेश सहाय तथा बरवाडीह थाना प्रभारी श्रीनिवास कुमार सिंह के द्वारा लगातार किया जा रहा है। बरवाडीह के आदर्श नगर छठ घाट, चपरी नदी छठ घाट, बेतला छठ घाट, केड़ छठ घाट, मोरवाई छठ घाट से सैदुप छठ घाट समेत विभिन्न छठ घाटों पर भगवान भास्कर को संध्या अर्घ दिया जाएगा। मान्यताओं के अनुसार छठ पर्व, छठ या षष्ठी पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी को मनाया जाने वाला एक हिन्दू पर्व है। सूर्योपासना का यह अनुपम लोकपर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखण्ड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है। कहा जाता है यह पर्व बिहारीयों का सबसे बड़ा पर्व है ये उनकी संस्कृति है। छठ पर्व बिहार मे बड़े धुम धाम से मनाया जाता है। ये एक मात्र ही बिहार या पूरे भारत का ऐसा पर्व है जो वैदिक काल से चला आ रहा है और ये बिहार कि संस्कृति बन चुका हैं। यहा पर्व बिहार कि वैदिक आर्य संस्कृति कि एक छोटी सी झलक दिखाता हैं। ये पर्व मुख्यः रुप से ॠषियो द्वारा लिखी गई ऋग्वेद मे सूर्य पूजन, उषा पूजन और आर्य परंपरा के अनुसार बिहार मे यहा पर्व मनाया जाता हैं।

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