नावकोठी (बेगूसराय) प्रखण्ड क्षेत्र अन्तर्गत पीएचसी नावकोठी में दांत के डॉक्टर होने के बाद भी लाखों रूपये का उपकरण घूल फांक रहा है।पीएचसी में दांत रोग के इलाज के लिए इस उपकरण को सरकार ने उपलब्ध करवाया था। दांत रोग के डॉक्टर  होने के बाद भी उपकरण  खराब हो रहे हैं और दांत के रोगी भी इलाज न होने के कारण मायूस होकर लौट जाते हैं। दन्त चिकित्सक  होने के बाद भी  गरीब रोगियों को हजारों का चुना लग जाता है। बताते चलें कि पीएचसी में पहले दन्त चिकित्सक थे तो उपकरण नहीं था और जब उपकरण आया तो दन्त चिकित्सक को कुछ समय के लिए डिप्टेशन में बेगूसराय भेज दिया गया। पुनः डिप्टेशन के बाद पीएचसी नावकोठी में डा० भारती भूषण लौट आए उसके बाद भी दांत के रोग का इलाज नहीं होना आश्चर्य का विषय  है।सामग्री और डॉक्टर नहीं थे तो जनता सरकार को कोसती थी।अब तो उपकरण और दन्त चिकित्सक दोनों मौजूद हैं फिर भी दांत का इलाज नहीं होना औऱ रोगी का वापस लौटना समझ में नहीं आता है। दन्त चिकित्सक आते  हैं और ओपीडी में इलाज कर चले जाते हैं।इस व्यवस्था के कारण क्षेत्र के लोगों में नाराजगी देखी जा रही है।क्षेत्र के लोगों को अपनी दांतों से संबंधित विभिन्न रोगों को दिखाने के लिए जिला मुख्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार जगह की कमी के कारण भी दांतों के इलाज का शुरू ना होना हो सकता है।

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