पूर्णिया:- किसी अपराधी को पकड़ने के लिये पुलिस को न जाने कितनी मशक्कत करनी पड़ती है, कितना पसीना बहाना पड़ता है, ये वही पुलिस वाले ही समझ सकते हैं जिन्होंने उस अपराधी को गिरफ्तार किया हो। लेकिन, अगर वही अपराधी पुलिस की थोड़ी सी लापरवाही की वजह से छूट जाये तो ये एक बड़ा सवाल खड़ा हो जाता है कि आखिर जिस पुलिस ने उस अपराधी को गिरफ्तार किया उसी ने इतनी बड़ी लापरवाही कैसे और क्यों कर दी। इन्हीं सवालों के घेरे में है पूर्णिया मधुबनी टीओपी श्याम नंदन यादव, जो हत्याकांड में संलिप्त अपराधी सोनू यादव और राहुल सिन्हा का आरोप पत्र 90 दिनों के अंदर न्यायालय में जमा नहीं कर सके। इस वजह से न्यायालय ने दोनों अपराधियों को जमानत दे दी। इस मामले को लेकर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी ने पुलिस अधीक्षक दयाशंकर को पत्र लिखकर मधुबनी टीओपी श्याम नंदन यादव पर कार्रवाई करने की बात कही। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिस गुड्डू मियां हत्याकांड में पूरा शहर तीन दिनों तक जलता रहा, उस हत्याकांड की चार्जशीट को कोर्ट तक पहुंचने में 91 दिन लग गए। बताते चलें कि पुलिस को ये पता था कि अगर चार्जशीट 90 दिनों के अंदर कोर्ट पहुंच गयी तो अपराधी को जमानत नहीं मिल सकती है। इसी बात का फायदा उठाते हुए चार्जशीट को 90 दिन बीतने के ठीक बाद 91वें दिन भेजा गया। विदित हो कि 30 जुलाई को गुड्डू मियां की हत्या मधुबनी टीओपी थानाक्षेत्र में धोबिया टोला में गोली मारकर कर दी गई थी। परिजनों ने नौ लोगों की खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई थी। इस मामले में छोटू यादव और राहुल सिन्हा ने 18 अगस्त को कोर्ट में सरेंडर कर दिया था।

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