संवाददाता

पटना
। थानों में मुंशी का काम चौकीदारों से लिया जा रहा है। यह हाल सभी थानों में नहीं है पर कई थानों में जरूर है। चौकीदार को मुंशी की जिम्मेदारी दिए जाने के मामले सामने आने पर पुलिस मुख्यालय बेहद गंभीर है।
डीजीपी एसके सिंघल ने इसपर न सिर्फ गहरी नाराजगी जताई है बल्कि इसे आपत्तिजनक माना है। ऐसा करनेवाले थानेदारों से जवाब तलब करने का आदेश भी एसपी को दिया है। साथ ही, आला पुलिस अधिकारियों को तुरंत मामले की समीक्षा करने के आदेश भी दिए गए हैं।
हाल में ही सामने आया था मामला
चौकीदारों से कई थानों में मुंशी का काम लिए जाने का मामला हाल में ही सामने आया है। पुलिस मुख्यालय द्वारा आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान डीजीपी ने इसपर नाराजगी जताते हुए चौकीदारों को तुरंत इस जिम्मेदारी से मुक्त करने को कहा। साथ ही उन्होंने ऐसा करनेवाले थानेदारों से शोकॉज करने का भी आदेश जिले के पुलिस अधीक्षकों को दिया है। डीजीपी ने रेंज आईजी और डीआईजी को इसकी समीक्षा के भी आदेश दिए हैं।
थाने के मुंशी का काम है बेहद महत्वपूर्ण
पुलिस में कहावत है कि थाना थानेदार और मुंशी पर चलता है। इसी से अंदाजा लगाया जाता है कि मुंशी की जिम्मेदारी कितनी महत्वपूर्ण है। स्टेशन डायरी से लेकर एफआईआर दर्ज करने तक की प्रक्रिया में मुंशी की बड़ी जिम्मेदारी होती है। ऐसे में मुंशी का काम चौकीदार से लेना पुलिसिंग के साथ खिलवाड़ के समान ही है।
डीजीपी ने इसके साथ ही मुंशी का काम किससे लिया जाएगा यह भी तय कर दिया है। अपने आदेश में उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि थानों में मुंशी का काम उन्हीं सिपाहियों से लिया जाए जिनकी सेवा कम से कम दस साल हो चुकी है। इससे कम सेवाकाल वाले सिपाही या किसी दूसरे से मुंशी का काम नहीं लिया जाएगा।

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