महावीर ने वीर शहीद भगत सिंह की जयंती पर किया नमन
सरधना (मेरठ) : मेरठ करनाल मार्ग पर गांव पौहल्ली के निकट महावीर ऐजुकेशनल पार्क में शहीद भगत सिंह की जयंती पर देश भक्ति गीत, कविता एवं भाषण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ संस्थान के डायरेक्टर जनरल सतीश राघव, सीईओ आशीष बालियान, डायरेक्टर एडमिन विक्रांत यादव एवं प्रधानाचार्य डॉ0 देवदत्त भादलीकर ने भगवान धन्वंतरी के समक्ष दीप प्रज्वल्लित कर किया।
इस अवसर पर बी0ए0एम0एस0 पाठ्यक्रम के छात्रों द्वारा शहीदे आजम भगत सिंह की जयंती पर देश भक्ति गीत, कविता एवं भाषण आदि का आयोजन किया गया। जिसमें बी.ए.एम.एस. प्रथम वर्ष के छात्र रोहित गौतम ने शहीद भगत सिंह के जीवन पर कविता पाठ, नवनीत एवं हर्ष ने भाषण तथा यश भारद्वाज ने देश भक्ति गीत प्रस्तुत किया। संस्थान के डॉ0 अजीत सिंह ने छात्र एवं छात्राओं को गीत के माध्यम से शहीद भगत सिंह के जीवन पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर संस्थान के डायरेक्टर जनरल सतीश राघव ने भगत सिंह की जीवन शैली पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उनका जन्म 28 सितम्बर 1907 को अविभाजित भारत के लायलपुर जिले के बंगा में हुआ था यह जगह अब पाकिस्तान क्षेत्र में आती है। 23 मार्च 1931 को उन्हें असंेम्बली में बम फेंकने के जुर्म में अपने साथियों राजगुरू और सुखदेव के साथ अंग्रेजी हुकूमत ने फंासी पर चढ़ा दिया था। उनको नमन करते हुए उन्हे प्रेरणा का अक्षुण बताया संस्थान के सीईओ डॉ आशीष बालियान ने भगत सिंह की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वीरता एवं पराक्रम की उनकी गाथा देशवासियों के युगों-युगों तक प्रेरित करती रहेगी। अपने परिवर्तनकारी विचारों व अद्वितीय त्याग से स्वतंत्रता संग्रांम को नई दिशा देने वाले और देश के युवाओं में स्वाधीनता के संकल्प को जागृत करने वाले शहीद भगत सिंह जी के चरणों में कोटि-कोटि वंदन। भगत सिंह जी युगों युगों तक हम सभी देशवासियों के प्रेरणा श्रोत बने रहेंगे।
डायरेक्टन एडमिन विक्रांत यादव ने भगत सिंह के पराक्रम के बारे मे याद दिलाया और साथ ही साथ जन्मदिवस की शुभकामनांए भी दी, व उनकी वीर गाथाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जलियावाला बाग हत्याकांड से उनके मन पर गहरा प्रभाव पड़ा तब ये महज 12 वर्ष के थे, तभी से उनको मन देश में लगी को बुझाने के प्रति अंहिसा आंदोलनो में हिस्सा लेना शुरू कर दिया, तथा उन्होने मन ही मन ‘देश की आजादी’ को मुद्दा बना लिया। भगत सिंह मार्क्स के विचारों से काफी प्रेरित हुए। इनके द्वारा दिया गया इंकलाब जिंदाबाद का नारा आज भी काफी प्रसिद्ध है जिसका मतलब है क्रांति की जय हो इस नारे ने देशवासियों के मन में जोश भरने का काम किया था और आज भी यह नारा देशवासियों के मन में जोश भर देता है। उनके गर्मजोशी विचार के व्यक्त करते कहा कि जो व्यक्ति विकास के लिए खड़ा है उसे हर एक रूढ़िवादी चीज की आलोचना करनी होगी, उसमें अवश्विास करना होगा तथा उसे चुनौती देनी होगी। कार्यक्रम का संचालन संस्थान के बी0एम0एम0एस0 द्वितीय वर्ष के वैभव द्वारा किया गया।
कार्यक्रम मे डॉ0 मंसूर अहमद, डॉ0 आर0 के0 कौशिक, डॉ0 सुरभि बंसल, डॉ0 आशीष, डॉ0 अजीत, डॉ0 अभिषेक, डॉ0 पूजा, डॉ0 हर्षा, डॉ0 अंशिका, डॉ0 मनीषा, डॉ0 मनीष, डॉ0 आशीष कांडपाल, डॉ0 मंजू एवं संस्थान के सभी छात्र एवं छात्राऐ उपस्थित रहे।

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