उठी महिला समानता व अधिकार की बात
 

मेरठ। आजादी की 75 वीं वर्षगांठ के मौके पर मंडलायुक्त कार्यालय से लेकर मदरसों तक ध्वजारोहण किया गया। मदरसों में जहां मुस्लिम महिलाओं की समानता की बात कही गई। वहीं आयुक्त ने भारतीय ओलंम्पिक टीम को बुलाकर उनके स्वागत करने की बात कही। आज 15 अगस्त के मौके पर आयुक्त सुरेंद्र सिंह ने आयुक्त कार्यालय पर 75वे स्वतंत्रता दिवस के मौके पर  ध्वजारोहण किया। ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता रही भारतीय टीम को बधाई देते हुए विपुल सिंघल ने आयुक्त को हॉकी व बाल भेंट की तथा आग्रह किया कि मेरठ में भारतीय ओलंपिक टीम को बुला कर उनका स्वागत सम्मान किये जाने की आवश्यकता है ताकि मेरठ मंडल में राष्ट्रीय खेल हॉकी के लिए बच्चों में उत्साह बढ़ाया जा सके। इस मौके पर  विपुल सिंघल, पिंकी चिंनोटी, आयुष गोयल, पीयूष गोयल एस के दीक्षित सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
मदरसों में फहराया तिरंगा  
वहीं आज आजादी की वर्षगांठ के मौके पर जिले के मदरसों में तिरंगा फहराया गया। इस दौरान मदरसा इमदादुल इस्लाम में मौलाना शाहीन जमाली चतुर्वेदी ने इस मौके पर कहा कि आजादी हिंदुस्तान की जमीन गंगा—जमुनी तहज़ीब की विश्च में एक मिसाल है। उन्होंने कहा कि इस्लाम न केवल एक धर्म है, बल्कि सिद्धांतों के आधार पर जीवन का एक संग्रह भी है। दूसरों के बीच, तौहीद, रिसालाह,न्याय और समानता। इन सिद्धांतों में से अधिकांश को सभी ने स्वीकार कर लिया है। समानता के सिद्धांत का गैर-मुसलमानों के साथ-साथ धर्मनिरपेक्ष मुसलमानों ने भी विरोध किया है। विरासत के मुद्दे का उदाहरण असमानता को दिखाता है जिसमें इस्लाम द्वारा महिलाओं पर अत्याचार किया जाता है। उन्होंने कहा कि यह अध्ययन बताता है कि महिलाओं को भी विरासत में पुरुषों के समान आधा हिस्सा दिया जाता है। महिलाओं के प्रति कथित भेदभाव का कारण इस्लामिक विरासत कानून को समाज में लागू न किया जाना है। उन्होंने कहा कि इस्लाम जीवन के सभी पहलुओं, जैसे आध्यात्मिक, सामाजिक, राजनीतिक अर्थशास्त्र आदि का आवरण करता है। यह लोगों को सिखाता है कि पुरुषों और महिलाओं को एक समान बनाया गया है और उन्हें हर तरह से समान अवसर दिया जाता है। कुरान में स्पष्ट है। "हर आत्मा अपने अपने कर्मों के प्रति वचनबद्ध होगी"। उन्होंने कहा कि ईश्वर और अल्लाह ने पुरुषों और महिलाओं को एक ही स्रोत से पैदा किया है और पिछले सभी अन्यायपूर्ण कानूनों को समाप्त कर दिया है जो महिलाओं को गुणवत्ता और प्रकृति में हीन मानते थे। उन्होंने कहा कि आज आजादी के जश्न के इस मौके पर हम लोग संकल्प ले कि सभी लोगों को बराबरी का हक दें और सभी मजहबों का आदर सत्कार करें। क्योकि पहले हम भारतवासी हैं बाद में जाति और मजहब।



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