सिंधिया अपने लिए चाहते है, निशंक छोड़ना नहीं चाहते !
 

नयी दिल्ली - केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि पूर्व कैबिनेट मंत्री रमेश पोखरियाल को नये बंगले का आबंटन  नियमानुसार किया गया है। केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने आज यहां बताया कि पूर्व शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल के बंगला संख्या 27, सफदरजंग रोड के आबंटन  पर कुछ दैनिक समाचार पत्रों में समाचार प्रकाशित किया गया है। यह समाचार पूरी तरह से गलत और शरारतपूर्ण है। मंत्रालय ने कहा कि संपदा निदेशालय द्वारा पूर्व मंत्रियों को  वैकल्पिक आवास प्रदान करना एक सामान्य प्रथा है, ताकि नए मंत्रियों को आवास उपलब्ध कराये जा सके। श्री पोखरियाल को पूर्व मंत्रियों के लिए लागू दिशानिर्देशों के अनुसार वैकल्पिक सदन की पेशकश की गई थी।

मंत्रालय के अनुसार वर्तमान राज्यसभा सांसदों को टाइप-सात बंगले आबंटित  नहीं जा सकते है। सम्पदा निदेशालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार सामान्य पूल से टाइप- सात बंगले का कोई आवंटन नहीं किया जाएगा। इसके अलावा पूर्व राज्यपाल, पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री, लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष, सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश को उपलब्धता के आधार पर श्रेणी-छह के आवास आवंटित किए जा सकते हैं बशर्ते वह वर्तमान में सांसद हो।
बता दें कि सरकार ने ये सफाई इसलिए दी है क्योंकि बंगला नंबर 27 सफदरजंग रोड में अब तक पूर्व शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक रहते है  लेकिन अब इस बंगले को नवनियुक्त नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने लिए चाहते है। 27 सफदरजंग रोड का बंगला टाइप 8 में आता है. इसमें 7 कमरे हैं और एक सर्वेंट क्वार्टर भी है, नियमानुसार ये बंगला सरकार के किसी मंत्री, ज्यूडीशियल अथॉरिटी या राज्यसभा सांसद को दिया जा सकता है।  एक मंत्री के तौर पर इसमें रहने वाले शख्स को पद से हटने के एक महीने के भीतर बंगला खाली करना होता है, इसके बाद एक सांसद के तौर पर नियमानुसार उन्हें अलग बंगला अलॉट किए जाने का नियम है। 

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