भाजपा के कद्दावर नेता डॉ. राजकुमार त्यागी रालोद में शामिल


मेरठ। रालोद पश्चिमी उप्र में भाजपा के लिए सरदर्द बनती जा रही है। एक तरफ जहां रालोद का कुनबा बढ रहा है। वहीं रालोद किसानों के बीच अपनी पैठ बनाने में भी जुटा हुआ है। पिछले छह  महीने में कई भाजपा नेता पार्टी छोड़ रालोद में शामिल हो चुके हैं।  
 जयंत चौधरी ने भाजपा को तगड़ा झटका दिया है। जिसमें पार्टी के पश्चिमी क्षेत्र के तीन बार अध्यक्ष और दो बार एमएलसी रहे डॉ0 राजकुमार त्यागी भाजपा छोड़कर रालोद के साथ हो लिए। डा0 राजकुमार त्यागी को दिल्ली में जयंत चौधरी ने रालोद की सदस्यता ग्रहण कराई। डॉ. त्यागी ने रालोद की सदस्यता ग्रहण करते हुए कहा कि मैं भाजपा के किसान विरोधी रुख से आहत हूं। अब अटल, आडवाणी, कल्याण सिंह और राजनाथ सिंह के दौर की भाजपा नहीं रही। भाजपा में आंतरिक लोकतंत्र समाप्त हो गया है। भाजपा सरकार की नीतियां अब बड़े पूंजीपति तय कर रहे हैं।

बता दें कि इससे पहले सहारनपुर से कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव इमरान मसूद के भाई नोमान मसूद ने भी रालोद का दामन थामा था। उन्होंने दिल्ली में रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी से मुलाकात कर पार्टी की सदस्यता ली। बता दें कि 2019 में नोमान मसूद ने गंगोह विधानसभा सीट से उपचुनाव और उससे पहले 2017 में भी गंगोह से ही विधानसभा का चुनाव लड़ा था। वहीं इमरान मसूद के भाई नोमान मसूद के राष्ट्रीय लोक दल का हिस्सा बनने और अब डॉ राजकुमार त्यागी के भाजपा छोड़कर रालोद में शामिल होने के बाद सियासी गलियारों में चुनावी चर्चाएं तेज हो गई हैं। 
सियासी गलियारे में चर्चा है कि सहारनुर के काजी परिवार से इमरान मसूद और नोमान मसूद की अलग हुई राजनीतिक राहें आने वाले विधानसभा चुनाव में अलग समीकरण तय करेंगी।जिले की गंगोह सीट पर सपा का दावा रहता है, तो नोमान को नकुड़ सीट गठबंधन में मिलने की उम्मीद है। अब डॉ राजकुमार त्यागी के रालोद में शामिल होने को लेकर पश्चिमी यूपी के राजनीति में बदलाव को लेकर सियासी अटकलें तेज हो गई हैं।
शामली के जसाला परिवार के डॉक्टर यशवीर सिंह भी हाल ही में रालोद में शामिल हो गए है। उनके भाई वीरेंद्र सिंह 7 बार विधायक रह चुके है , इस परिवार का भी पश्चिमी यूपी की गुर्जर राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान है। 

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