- विनोद कुमार दुबे, सोनभद्र


स्वास्थ्य में महत्व
1- शंख की आकृति और पृथ्वी की संरचना समान है। नासा के अनुसार - शंख बजाने से खगोलीय ऊर्जा का उत्सर्जन होता है जो जीवाणु का नाश कर लोगों में ऊर्जा व शक्ति का संचार करता है।
2- शंख में सौ प्रतिशत कैल्शियम है। इसमें रात को पानी भर के पीने से कैल्शियम की पूर्ति होती है।
3- शंख बजाने से योग की तीन क्रियाएं एक साथ होती हैं - कुम्भक, रेचक, प्राणायाम।
4- शंख बजाने से हृदयाघात, रक्तचाप की अनियमितता, दमा, मंदाग्नि में लाभ होता है।
5- शंख बजाने से फेफड़े पुष्ट होते हैं।
6- शंख में पानी रख कर पीने से मनोरोगी को लाभ होता है, उत्तेजना कम होती है।
7- शंख की ध्वनि से दिमाग व स्नायु तंत्र सक्रिय रहता है।

धार्मिक महत्व :
1- दक्षिणावर्ती शंख को लक्ष्मी स्वरूप कहा जाता है। इसके बिना लक्ष्मी जी की आराधना पूरी नहीं मानी जाती।
2- समुन्द्र मंथन के दौरान 14 रत्नों में से ये एक रत्न है। सुख- सौभाग्य की वृद्धि के लिए इसे अपने घर में स्थापित करें।
3- शंख में दूध भर कर रुद्राभिषेक करने से समस्त पापों का नाश होता है।
4- घर में शंख बजाने से नकारात्मक ऊर्जा का व अतृप्त आत्माओं का वास नहीं होता।
5- दक्षिणावर्ती शंख से पितरों का तर्पण करने से पितरों की शांति होती है।
6- शंख से स्फटिक के श्री यन्त्र अभिषेक करने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।

ज्योतिषीय महत्व
1- पारिवारिक जीवन मे खुशियों का संचार होता है।
2- मंगलवार को शंख बजा कर सुन्दर काण्ड पढ़ने से मंगल का कुप्रभाव कम होता है।
3- शंख में चावल भर के रखें और लाल कपड़े में लपेट कर तिजोरी में रखें, माँ अन्नपूर्णा की कृपा बनी रहती है।
4- बुधवार को शालिगराम जी का शंख में जल व तुलसी जी डाल कर अभिषेक करने से बुध ग्रह ठीक होता है।
5- शंख को केसर से तिलक कर पूजा करने से भगवन विष्णु व गुरु की प्रसन्ता मिलती है।

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