-  कहा- बर्दाश्त नहीं होगा मरीजों का उत्पीड़न
- एंबुलेंस संचालक कंपनी ने हड़ताली कर्मचारियों को दी अंतिम चेतावनी


लखनऊ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को एंबुलेंस संचालन की व्यवस्थाओं की निगरानी करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में मरीजों और उनके परिवारीजन का उत्पीड़न न हो इस बात का ध्यान रखा जाए। एंबुलेंस न मिलने पर अगर किसी की असमय मौत की सूचना मिली, तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उधर एंबुलेंस संचालक कंपनी ने कर्मचारियों को हड़ताल से वापसी की अंतिम चेतावनी जारी कर दी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में 108-102 और एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस सेवा का संचालन ठप होने को गंभीरता से लेते हुए सभी जिलों में मरीजों को समय से एंबुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चिति कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होेंने एंबुलेंस संचालन पर निगरानी रखने के निर्देश देते हुए कहा कि सी भी हालत में मरीज को परेशानी नहीं होनी चाहिए। किसी भी तरह की परेशानी की सूचना मिली तो अधिकारियों पर कार्रवाई होगी।
उधर, एंबुलेंस संचालक कंपनी जीवीके ईएमआरआई अपने हड़ताली कर्मचारियों को अंतिम चेतावनी जारी कर दी है। यदि शनिवार तक हड़ताली कर्मचारी ड्यूटी पर वापस नहीं लौटे तो नए कर्मचारियों की भर्ती शुरू कर दी जाएगी। हालांकि कंपनी के अधिकारियों ने दावा किया है कि अधिकतर जिलों में हड़ताल खत्म हो गई है। कर्मचारी काम पर लौट रहे हैं। जिन जिलों में संचालन अधिक प्रभावित हैं। वहां के कर्मचारियों को शनिवार तक ड्यूटी ज्वाइन करने का मौका दिया गया है। इसके बाद नई भर्ती शुरू कर दी जाएगी।  
गौरतलब है कि एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस का संचालन करने वाली कंपनी जिगित्सा हेल्थ केयर की कर्मचारी विरोधी नीतियों के कारण 108-102 एंबुलेंस के कर्मचारियों ने भी काम ठप कर दिया था। इस पर बीते 48 घंटे में जीवीके ईएमआरआई ने लगभग 700 कर्मचारियों को बर्खास्त करते हुए कर्मचारियों को अंतिम चेतावनी जारी की है।
शुरू हो गई तलाश
सूत्र बताते हैं कि कार्यदायी संस्थान जीवीके कार्यालय में समय- समय पर कर्मचारियों की भर्ती संबंधित बायोडाटा लिया जाता है। पिछली भर्ती में जिन लोगों का नाम वेटिंग लिस्ट में था, उसे निकाला जा रहा है।  ऐसे अभ्यार्थियों को फोन करके सेवा का मौका दिया जा सकता है।
कितनी हैं एंबुलेंस
राज्य में 108 इमरजेंसी एंबुलेंस सेवा के 2200 वाहन हैं। इससे हर दिन करीब 9500 मरीज  जाते हैं। इसी तरह गर्भवती व प्रसूता के लिए कार्यरत102 एंबुलेंस की संख्या करीब 2270 है। जबकि एएलएस की संख्या करीब 250 है।

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