इंजीनिरिंग कोर्स का 11 भारतीय भाषाओं में ट्रांसलेशन टूल विकसित


नई दिल्ली (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के एक साल पूरा होने के अवसर गुरुवार की शाम राष्ट्र को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई अभियानों की शुरूआत की। देश को एनईपी 2020 के अब तक के क्रियान्वयन और किये जा रहे सुधारों की जानकारी दी।
पीएम ने कहा कि भारतीय साइन लैंग्वेज को पहली बार एक भाषा विषय यानि एक सब्जेक्ट का दर्जा प्रदान किया गया है। अब छात्र इसे एक भाषा के तौर पर भी पढ़ पाएंगे। इससे भारतीय साइन लैंग्वेज को बहुत बढ़ावा मिलेगा, हमारे दिव्यांग साथियों को बहुत मदद मिलेगी।
पीएम ने अपने संबोधन में आगे कहा, "हमने-आपने दशकों से ये माहौल देखा है जब समझा जाता था कि अच्छी पढ़ाई करने के लिए विदेश ही जाना होगा। लेकिन अच्छी पढ़ाई के लिए विदेशों से स्टूडेंट्स भारत आयें, बेस्ट संस्थान भारत आयें, ये अब हम देखने जा रहे हैं। आज बन रही संभावनाओं को साकार करने के लिए हमारे युवाओं को दुनिया से एक कदम आगे होना पड़ेगा, एक कदम आगे का सोचना होगा। हेल्थ हो, डिफेंस हो, इनफ्रास्ट्रक्चर हो, टेक्नालजी हो, देश को हर दिशा में समर्थ और आत्मनिर्भर होना होगा। मुझे खुशी है कि 8 राज्यों के 14 इंजीनियरिंग कॉलेज, 5 भारतीय भाषाओं- हिंदी-तमिल, तेलुगू, मराठी और बांग्ला में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू करने जा रहे हैं। इंजीनिरिंग के कोर्स का 11 भारतीय भाषाओं में ट्रांसलेशन के लिए एक टूल भी विकसित किया जा चुका है।
संबोधन के दौरान पीएम ने कहा, "नई ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ युवाओं को ये विश्वास दिलाती है कि देश अब पूरी तरह से उनके साथ है, उनके हौसलों के साथ है।
एनईपी राष्ट्र-निर्माण में महायज्ञ-पीएम
राष्ट्रीय शिक्षा नीति को राष्ट्र-निर्माण में महायज्ञ मानते हुए पीएम ने कहा, "भविष्य में हम कितना आगे जाएंगे, कितनी ऊंचाई प्राप्त करेंगे, ये इस बात पर निर्भर करेगा कि हम अपने युवाओं को वर्तमान में यानि आज कैसी शिक्षा दे रहे है, कैसी दिशा दे रहे हैं। मैं मानता हूं भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति राष्ट्र निर्माण के महायज्ञ में बड़े फैक्टर्स में से एक है।"

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