अयोध्या। अपनी ही चार माह की बेटी को मनहूस बता कर मार डालने वाले दंपती को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। अपर सत्र न्यायाधीश द्वादशम् बृजेश कुमार सिंह ने छह साल बाद यह सजा सुनाई। साथ ही अभियुक्त मूलचंद व उसकी पत्नी लालमन पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अभियोजन पक्ष के मुताबिक वारदात 22 सितंबर 2015 की रात करीब पौने 11 बजे की थी। अयोध्या के नागेश्वरनाथ मंदिर के पीछे स्थित रघुनाथ भवन में मूलचंद व लालमन ने अपनी चार माह की बेटी को दीवार पर पटक पटक कर मार डाला था। घटना को अंजाम देने के बाद दोनों राम की पैड़ी की सीढ़ी पर चुपचाप जाकर बैठ गए। जब पड़ोसियों की इसकी भनक लगी, तो पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर दारोगा नंद हौसिला यादव पहुंचे, तो घर का नजारा देखकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। कमरे में चारो तरफ खून बिखरा हुआ था, मासूम का शव क्षत-विक्षत हो गया था। पूछताछ में दंपती ने बताया कि जब से ये बेटी पैदा हुई, कोई न कोई मुसीबत आती रहती है, वह मनहूस थी, इसलिए मार डाला। मामले की प्राथमिकी दर्ज कर दंपती को जेल भेज दिया गया था। वहीं छह साल बाद चले केस के बाद दोनों पति पत्नी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
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