जुलाई से 1 करोड़ लोगों को रोजा लगेेगा टीकाः डा. भार्गव


नई दिल्ली । देश में कोरोना की स्थिति और टीकाकरण की प्रगति पर पत्रकारों से बात करते हुए आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि कोविशील्ड खुराक लगाने के शेड्यूल में बिल्कुल कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह केवल दो खुराक होगी। कोविशील्ड की पहली खुराक देने के बाद 12 सप्ताह के बाद दूसरी खुराक दी जाएगी। वही शेड्यूल कोवैक्सिन पर लागू होता है।
उन्होंने कहा कि देश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। जुलाई के मध्य या अगस्त तक हमारे पास प्रतिदिन 1 करोड़ लोगों को टीका लगाने के लिए पर्याप्त खुराक होगी। हमें दिसंबर तक पूरी आबादी का टीकाकरण करने का भरोसा है।
नीति आयोग के सदस्य डा. बीके पॉल ने कहा कि हमारा ध्यान बच्चों को होने वाली कोविड रोग आकर्षित कर रहा है। बच्चों की बड़ी आबादी आमतौर पर स्पर्शोन्मुख (एसिंपोमैटिक) है। उन्हें अक्सर संक्रमण हो जाता है, लेकिन उनके लक्षण न्यूनतम या शून्य होते हैं। बच्चों में संक्रमण ने गंभीर रूप नहीं लिया, लेकिन वायरस बच्चों की आबादी में अपना व्यवहार बदल सकता है। बच्चों में कोरोना का प्रभाव बढ़ सकता है। हम तैयारियों को आगे बढ़ा रहे हैं। बच्चों के लिए वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि देश में 29 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश ऐसे हैं जहां प्रतिदिन 5000 से कम मामले दर्ज किए जा रहे हैं। 28 अप्रैल से 4 मई के बीच देश में 531 ऐसे ज़िले थे जहां प्रतिदिन 100 से अधिक मामले दर्ज किए जा रहे थे। ऐसे जिले अब 295 रह गए हैं। 3 मई को देश में 17.13 फीसद थे अब वह सिर्फ 6.73 फीसद रह गए हैं।

एली लिली की दवा को मिली डीसीजीआई की मंजूरी
भारत की एली लिली एंड कंपनी ने बताया कि कोरोना के इलाज के लिए कंपनी के एंटीबॉडी दवाओं को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की ओर से आपाताकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिली है। इन दवाओं का उपयोग कोरोना संक्रमितों के इलाज में पूर्व से इस्तेमाल की जा रही दवाओं के साथ किया जायेगा। कंपनी ने कहा है कि भारत में हलके और मध्यम लक्षण वाले रोगियों के इलाज के लिए हमारी दवा का इमरजेंसी इस्तेमाल हो सकेगा। बता दें कि एली लिली की दवा कोरोना रोगियों के मध्यम लक्षण में उपयोग की जाने वाली एंटिबॉयटिक दवा है।

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