मेरठ। जिले से गुजरने वाली काली नदी के पुनर्जीवन का मंगल आगाज हो गया है। अधिकारियों ने मंगलवार को रजपुरा ब्लाक के गांव गांवड़ी में पहुंचकर काली नदी को संवारने का कार्य किया। कमिश्नर, जिलाधिकारी, सीडीओ, डीएफओ ने नदी किनारे पौधे लगाए। वहीं मनरेगा से जुड़े 50 श्रमिकों, जेसीबी, पोकलेन मशीनों को कार्य में लगा दिया है। कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने कहा कि कार्य को मिशन मोड में करना होगा। ऐसा नहीं कि सिर्फ कार्यक्रम हुआ और अखबारों में प्रकाशित होने पर शांत हो गए। हमें 15 दिन में दो किलोमीटर में नदी को पवित्र बनाना है। कहा कि एक बड़े कार्यक्रम की तैयारी करें, जिससे यह कार्य पूरा कर लिया जाए। इसमें ग्राम प्रधानों और सामाजिक संस्थाओं का सहयोग जरूरी है। एक सप्ताह में नदी की पैमाइश करने के निर्देश एसडीएम सदर संदीप भगिया को दिए गए हैं। 'कैच द रैन' अभियान के अंतर्गत नदी को संवारने के लिए प्लान तैयार किया गया है। दो दिन पहले ही मुख्य विकास अधिकारी शशांक चौधरी ने हस्तिनापुर और नंगली गांव का निरीक्षण किया था। गांवड़ी गांव के पास दो किलोमीटर के हिस्से में पोकलेन, जेसीबी मशीनों की सहायता से 100 फीट चौड़े स्थान की खुदाई की जाएगी। इस कार्य का शुभारंभ मंगलवार को कमिश्नर सुरेंद्र सिंह, जिलाधिकारी के. बालाजी ने किया। इसमें मनरेगा से कार्य करने वाले श्रमिकों को भी रोजगार मिलेगा। इस अभियान को 15 दिन में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। इस दौरान नवीन प्रधान और अन्य लोग भी मौजूद रहे।
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