मेरठ। जिले में अब तक स्वास्थ्य विभाग ब्लैक फंगस के मरीजों से ही जूझ रहा था कि इसी बीच येलो फंगस ने भी दस्तक दे दी हे। जिले में येलों फंगस का मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। मेडिकल कालेज में भर्ती एक मरीज में येलो फंगस की पुष्टि हुई है। येलो फंगस का मरीज मिलने के बाद चिकित्सक भी हैरान हो गए हैं। मेरठ में अब तक ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या 195 पहुंच चुकी है। येलो फंगस के मिले मरीज के सैंपल में पीले रंग का डिस्चार्ज मिलने से चिकित्सकों में हलचल है। विभागाध्यक्ष डा. वीपी सिंह ने पीला फंगस की आशंका जताते हुए सैंपल जांच के लिए माइक्रोबायोलोजी लैब भेज दिया है। उन्होंने बताया कि जिले में अब तक फंगस के जितने सेंपल आए हैंं उनमें किसी भी में ऐसा फंगस अब तक नहीं देखा गया। लैब सात दिन में जांच रिपोर्ट देगा। इससे पहले गाजियाबाद के एक ईएनटी सर्जन ने गत दिनों येलो फंगस का एक केस देखा था।
ईएनटी प्रोफेसर डा.वीपी सिंह ने बताया कि मुजफ्फरनगर से आए मरीज की नाक में दर्द, आंख व चेहरे में सूजन थी। जांच में पता चला कि यह फंगस अलग है। माइक्रोस्कोप से इसे स्क्रीन पर लेकर देखा गया तो पीला रंग देखकर डॉक्टर हैरान रह गए। डाक्टरों ने तत्काल मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा0 ज्ञानेंद्र सिंह को इसकी जानकारी दी। इसके साथ ही शासन को भी इसकी रिपोर्ट बनाकर भेज दी गई है। डॉक्टरों का कहना है कि येलो फंगस अन्‍य फंगस से ज्‍यादा खतरनाक है।
मेडिकल कालेज में पिछले 24 घंटे में कोरोना से तीन मरीजों की मौत हो गई है। इन तीन में एक ब्लैक फंगस से पीडित मरीज शामिल है। ब्लैक फंगस के 10 मरीज आइसीयू में भर्ती हैं। जिनके दिमाग तक फंगस पहुंच चुका है। शासन से मेडिकल कालेज को एंफोटेरिसिन-बी की 70 वायल इंजेक्शन की मिली हैं। प्राचार्य डा. ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि सात नए मरीज भर्ती किए गए हैं। कुल मरीजों की संख्या 68 हो चुकी है। 44 कोविड पाजिटिव और 24 निगेटिव हैं। दस मरीजों को आइसीयू में रखा गया है।

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