मरीज की बातें सुन झलक उठे आंसू
मेरठ। कोरेाना के संक्रमण तेजी से फैलने के कारण स्वास्थ्य सेवाए पूरी तरह चरमरा गयाी है। स्थिति इतनी ज्यादा भयावह हो गयी है। अस्पतालों ें में भी भर्ती मरीजों की भी हिम्मत टूटती दिखायी देने लगी है।
टीबी से क्षतिग्रस्त हुई किडनी के इलाज को हापुड़ से मेरठ तक अस्पतालों में भटक रही गुड्डी जब मेडिकल तक पहुंची तो उसकी कोविड रिपोर्ट भी पाजिटिव आ गई। स्वजन ने सीएमओ से लेकर प्रमुख सचिव तक के नंबर मिला लिए लेकिन कोविड के अलावा कोई इलाज नहीं मिला। 12 घंटे से अधिक समय तक बिना इलाज तड़पने के बाद भी कोई सुनवाई न हुई तो अभिभावक गुड्डी को लेकर घर चले गए।
हापुड़ में रामगढ़ी निवासी गुड्डी की मां राजकली अपने दामाद वीरेंद्र त्रिपाठी और रिश्तेदार मोनू के साथ मेडिकल कालेज पहुंची थी। वीरेंद्र के अनुसार गुड्डी को किडनी के इलाज के लिए हापुड़ के देवनंदिनी अस्पताल ले गए। वहां से जेएस अस्पताल रेफर कर दिया। वहां बुधवार रात स्वजन की गैरमौजूदगी में गुड्डी को डिस्चार्ज कर सरस्वती अस्पताल भेज दिया। वहां भर्ती करने से मना कर दिया। तब मेडिकल कालेज लेकर पहुंचे।
गुहार लगाई पर सुनवाई न हुई
गुड्डी के बार.बार फोन करने पर वीरेंद्र ने दर्द का इलाज करने की गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने सीएमओ के नंबर पर शिकायत भी की। प्रमुख सचिव के पीएस से बात की। वहां से फोन आने पर भी कोविड मरीज को कोई और उपचार नहीं दिया जा सका। दोपहर साढ़े तीन बजे के बाद भी कोई सुनवाई न होने पर अभिभावक गुड्डी को मेडिकल कालेज से निकालकर घर ले गए। वीरेंद्र ने बताया कि कोविड रिपोर्ट में कोई अस्पताल तो भर्ती नहीं करेगा घर में दर्द की दवा तो दे सकेंगे।
कोविड अस्पतालों के दिये गये नम्बर नहीं हो पा रही बाते
स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोविड से संक्रमित मरीजों की अस्पतालों में भर्ती कराने के बकायदा उनके नाम व फोन नम्बर के साथ वहां पर बेड की संख्या की सूची जारी की गयी है। जब धारा न्यूज ने रियलिटी चैक किया गया। कई अस्तालों के मोबाईल नम्बर बंद मिले। जिसका नम्बर मिला उसने उठाया नहीं। और जिसने उठाया भी उसने बेड खाली न होने के बात कह कर फोन काट दिया।
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