मेरठ। बाजार में रेमडेसिवर इंजेक्शन की भारी किल्लत है। इसकी कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ रासुका लगाने के निर्देश शासन की ओर से दिये गये है। साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है। कि बिना डीएम की अनुमति को कोई भी नर्सिग होम बाजार में इंजेक्शन की पर्ची नहीं बना कर दुकानों पर नहीं भेजेगा। लेकिन इसकें बाद भी नर्सिग होम के चिकित्सक मरीजों केा पर्चा लिख कर दुकानों पर भेज रहे है।
  जिला मेरठ केमिस्ट एंड ड्रगिस्टस एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश चंद गुप्ता ने बताया कि जिल में रेडमिसिवर इंजेक्शन की सप्लाई के लिये चार स्टाकिस्ट है। जिनके पास जो भी स्टॉक आता है। उसे जिला प्रशासन के आदेश पर ड्रग इंस्पेक्टर अपने नियंत्रण में कर लेते है।बिना ड्रग इस्पेक्टर की इजाजत के बिना किसी भी आदमी की बिलिंग नहीं क राते है। डीएम के आदेश पर ही ड्रग इस्पेक्टर कोविड सैंटरों पर ही बिलिंग कराते है। उनका कहना है जब सारी बिलिंग ड्रग इस्पेक्टर के आदेश पर हो रही है। तो नर्सिग होम वाले मरीजों के तीमारदारों को इंजेक्शन लिखकर क्यों बाजार भेज कर परेशान कर रहे है। उन्होने जनता से अपील की है। खुले बाजार में इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है। जिस किसी भी किसी केा रेडमिसिवर इंजेक्शन की आवश्यकता है वो ओैषधि विभाग या प्रशासन से सम्पर्क करें। बेवजह बाजारो में न भटके।


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