आधी रात के बाद गंभीर मरीजों को अन्य अस्पतालों में किया शिफ्ट
मेरठ । मेरठ के जिलाधिकारी के बालाजी की तत्परता उस समय बडी काम आयी जब हापुड रोड स्थित संतोष हॉस्पिटल में आधी रात के बाद आक्सीजन समाप्त हो गयी। आनन फानन में उन्होने आलाधिकारियों केा तत्काल मौके पर भेज कर गंभीर मरीजों को अन्य अस्पतालों को शिफ्ट कर मरीजों की जान बचायी। जरा सी लापरवाही कोविड में भर्ती मरीजों की मौत का सबब बन सकती थी। रात को ही अस्पताल में १६ आक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति की गयी। तब जाकर मरीजों की सांस में सांस आयी। अधिकारियों के अनुसार रात करीब एक बजे सूचना मिली कि संतोष हॉस्पिटल में ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म होने वाले हैं। तुरंत इसकी सूचना डीएम को दी गई। डीएम ने आपात व्यवस्था के तहत एडीएम सिटी अजय कुमार तिवारीए एसीएम चंद्रेश कुमार सिंह, सीएमओ डा. अखिलेश मोहन, एसीएमओ डा.पूजा शर्मा आदि के साथ मोबाइल पर स्थिति की जानकारी ली। ऑक्सीजन सप्लाई से जुड़ी कंपनियों और अधिकारियों से बात की गई। डीएम के निर्देश पर कुछ ही देर में चार आला अधिकारी संतोष हॉस्पिटल पहुंच गए। पता चला कि 20 मरीज गंभीर हैं। इनमें से 12 को आपातकालीन व्यवस्था के तहत दूसरे हॉस्पिटल में शिफ्ट करने की तैयारी शुरू हो गई। आधे घंटे में 11 मरीजों को एनसीआर मेडिकल कॉलेज और एक को लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट कर दिया गया। डेढ़ घंटे में पहुंचा, 16 सिलेंडर मरीजों की शिफ्टिंग के साथ ही ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए अफसर लगातार सक्रिय रहे। रात करीब ढाई बजे तक संतोष हॉस्पिटल को 16 ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करा दिए गए। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक, कुल 50 सिलेंडर अस्पताल को मिल चुके हैं। इस तरह आधी रात ऑपरेशन ऑक्सीजन समाप्त हुआ और सभी ने राहत की सांस ली। करीब पौने तीन बजे अधिकारी संतोष हॉस्पिटल से निकले। असपताल के मरीजों डीएम केा दुहाई देते नजर आये।
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