अनुशासन समिति की रिपोर्ट प्रदेश महामंत्री की टेबल पर .कार्यकर्ताओं को कार्रवाई की उम्मीद फिलहाल नहीं आती नजर
मेरठ। कैंट बोर्ड उपाध्यक्ष के चुनाव के नाम व्हिप का उल्लंघन कर संगठन को ठेंगा दिखाने के मामले में या तो सभी को माफ ी मिलेगी या फिर सजा का का एलान होगा। इसको लेकर पूछे जा रहे सवालों पर संगठन में सन्नाटा पसरा हुआ है। कुछ का कहना है कि तूफान से पहले की शांति है और कुछ का अनुमान है कि या तो सभी पर कार्रवाई होगी या फिर सामूहिक माफी का फैसला आएगा। फैसला क्या होगा यह मंगलवार तक साफ हो जाएगा। संगठन के महानगर अध्यक्ष द्वारा बनायी गयी अनुशासन समिति की रिपोर्ट क्षेत्रीय संगठन की मार्फत प्रदेश भाजपा के महामंत्री सुनील बंसल तक पहुंचा दी गयी है। सुनील बंसल रविवार तक फैसला लेंगे। जो भी फैसला लिया जाएगा वो वाया क्षेत्रीय अध्यक्ष संगठन के महानगर अध्यक्ष तक पहुंचा दिया जाएगा। इतना तय है कि किसी एक को बलि का बकरा नहीं बनाया जाएगा। यदि कार्रवाई की नौबत आयी तो सभी पर होगी। जानकारों का कहना है कि जो आसार नजर आ रहे हैं उसमें कार्रवाई की उम्मीद नहीं है। इसकी मुख्य वजह जिनके इशारे पर तख्ता पलट की साजिश को अंजाम दिया गया थाए अनुशासनात्मक कार्रवाई के मामले में भी उन्हीं की चलनी है। इसी कारण माना जा रहा है कि संगठन का प्रयास बजाए मामले में कार्रवाई के इसको रफा दफा करने का अधिक है। यह कोई पहला वाक्या नहीं है जब बोर्ड मैंबरों ने संगठन को एक तरफ रख दिया है। इससे पहले भी पार्टी के एक सदस्य की बोर्ड से सदस्यता खत्म किए जाने का प्रस्ताव लाने के मामले में कैंट बोर्ड के मैंबरों ने संगठन की एक नहीं मानी थी। मना करने के बाद भी अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। विधायक हो या फिर संगठन बोर्ड मैंबरों के हाथों किरकिरी कराना आदत में शुमार हो चुका है। वहीं दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि अगले साल विधानसभा चुनावों को देखते हुए पार्टी कोई नया बखेड़ा नहीं खड़ा करना चाहती। दरअसल बोर्ड के तमाम मैंबर भाजपा के किसी न किसी बडे खेमे से जुडे हैं।
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