वाराणसी, 27 फरवरी । केन्द्रीय पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान दो दिवसीय वाराणसी दौरे के अन्तिम दिन शनिवार को महान संत शिरोमणी रविदास जयंती पर उनकी जन्मस्थली सिरगोवर्धनपुर पहुंचे। गुरू के मंदिर में मत्था टेकने के बाद केन्द्रीय मंत्री ने मंदिर को भी देखा। दर्शन पूजन के बाद केन्द्रीय मंत्री ने मंदिर के वीआईपी कक्ष में डेरा सच्चखंड बल्लां, जालंधर के गद्दीनशीन संत और रविदास मंदिर ट्रस्ट के चेयरमैन निरंजन दास से आर्शिवाद लिया। वाराणसी के सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूत के रूप में केन्द्रीय मंत्री ने भरोसा दिया कि मंदिर के विकास के लिए सरकार गंभीर है। प्रदेश शासन भी मंदिर के जीणोद्धार और विकास के लिए कई योजनाएं बना रही हैं। देश के कई रविदास स्मारकों के विकास पर भी कार्य हो रहा है। बातचीत के बात संत निरंजनदास ने केन्द्रीय मंत्री को जालंधर आने का निमंत्रण देकर सरोपा और प्रसाद भी दिया। रविदासी संतों के आग्रह पर केन्द्रीय मंत्री ने पंगत में बैठकर लंगर भी चखा। इस दौरान भाजपा के प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल,एमएलसी लक्ष्मण आचार्य, पूर्व महापौर कौशलेंद्र सिंह,जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा, रोहनिया विधायक सुरेन्द्र नारायण सिंह, महानगर अध्यक्ष विद्या सागर राय आदि भी मौजूद रहे। मंदिर में दर्शन पूजन के बाद केन्द्रीय मंत्री ने पत्रकारों को बताया कि संत रविदास की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरकार के प्रतिनिधि के रूप में जन्मस्थली पर आया हूं। संत रविदास के मंदिर में दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस पुण्य भूमि को नमन करना मेरा सौभाग्य है। संत निरंजन दास को मैंने प्रधानमंत्री का सन्देश भी दिया। संत ने भी अपना सन्देश प्रधानमंत्री के लिए भेजा है और उन्हें आशीर्वाद भी दिया है। संत शिरोमणि के जयंती समारोह में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के आगमन से जुड़े सवाल पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि संत के दर पर सभी को आना चाहिए, ये अच्छी बात है। इसे सियासी नजरिये से न देखे। संत और भारतीय संस्कृति के प्रति श्रद्धाभाव से आये है। इसके लिए मैं इन लोगों को साधुवाद देता हूं। संत रविदास तो भारत में भारतीयता, प्रेम, भाईचारा का विचार छोड़कर गये हैं। उनके विचार समाज में अमन और सौहार्द,सामाजिक समरसता के लिए आज भी प्रासंगिक है। संत शिरोमणि से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान की प्रेरणा भी मिलती है। पेट्रोल डीजल के फिर बढ़े मूल्य से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे स्थिति नियंत्रण में आनी चाहिए। आवश्यकता का 80.85 फीसद पेट्रोल हमें आयात करना पड़ता है। मूल्यों में आये उछाल के वजह से ऐसा हो रहा है। हम लगातार पेट्रोल के उत्पादक देशों से बातचीत कर रहे है। उनसे कहा गया है कि केवल अपना हित ने देखे। उम्मीद है कि इसका भी असर देखने को मिलेगा। कोरोना काल में लम्बे समय बाद देश की अर्थव्यवस्था भी पटरी पर आई है।
No comments:
Post a Comment