कृषि क्षेत्र में जलवायु जोखिम आकलन विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन 

 मेरठ। तकनीकी महाविद्यालय, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय (एसवीपीयूएटी) में भारतीय ग्रामीण विकास संस्थान, नाबार्ड एवं तकनीकी महाविद्यालय, एसवीपीयूएटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम कृषि क्षेत्र में जलवायु जोखिम आकलन का वैलेडिक्टरी समारोह सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

समापन समारोह में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. रामजी सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में जलवायु परिवर्तन कृषि उत्पादन, किसानों की आय एवं खाद्य सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुका है, ऐसे में जोखिम आकलन आधारित योजना एवं नीति निर्माण अत्यंत आवश्यक है। इस अवसर पर डॉ. जयवीर सिंह, अधिष्ठाता, तकनीकी महाविद्यालय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. पुष्पेन्द्र कुमार सिंह डॉ. प्रशांत दुबे (डीजीएम-बीआईआरडी) एवं डॉ. रजनी पांडेय (डीजीएम-बीआईआरडी) ने जलवायु जोखिम आकलन में नाबार्ड एवं बीआईआरडी की भूमिका पर विस्तृत जानकारी दी। डॉ. निलेश चौहान ने तकनीकी एवं शैक्षणिक पहलुओं पर विचार साझा किए। समापन अवसर पर प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए गए तथा भविष्य में भी इस प्रकार के क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित करने की आवश्यकता पर बल दिया गया। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

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