गन्ना आपूर्ति व्यवस्था में सैनिक, अर्द्धसैनिक बलों, भूतपूर्व सैनिकों एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के लिए पृथक एवं प्राथमिक कोटा लागू
गन्ना पर्चियों के निर्गमन में सैनिक कृषक सदस्यों को विशेष प्राथमिकता सुनिश्चित
1 जनवरी 2026 से प्रभावी यह व्यवस्था सैनिक कृषक सदस्यों को प्रत्यक्ष एवं समयबद्ध लाभ प्रदान करेगी
मेरठ । प्रदेश द्वारा राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप नवीन गन्ना सट्टा नीति को प्रभावी रूप से लागू किया गया है, जिसके अंतर्गत राष्ट्रसेवा में समर्पित सैनिकों, अर्द्धसैनिक बलों, भूतपूर्व सैनिकों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा उनके विधिक उत्तराधिकारियों के प्रति सम्मान एवं कृतज्ञता को एक ठोस प्रशासनिक स्वरूप प्रदान किया गया है। इस नीति के अंतर्गत मेरठ परिक्षेत्र में गन्ना आपूर्ति प्रणाली में सैनिक कोटा लागू करते हुए गन्ना पर्चियों के निर्गमन में विशेष प्राथमिकता सुनिश्चित की जा रही है।
उप गन्ना आयुक्त ब्रजेश पटेल द्वारा बताया गया कि गन्ना विकास विभाग इस व्यवस्था का उद्देश्य केवल प्रक्रियात्मक सुविधा प्रदान करना नहीं है, बल्कि राष्ट्रहित में सेवा देने वाले वर्ग के प्रति राज्य सरकार की संवेदनशीलता को व्यवहारिक धरातल पर स्थापित करना है। सैनिक कोटा के अंतर्गत पात्र कृषक सदस्यों को उनकी कुल निर्धारित गन्ना पर्चियां अपेक्षाकृत कम पक्षों में उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे उन्हें शीघ्र गन्ना आपूर्ति का लाभ प्राप्त हो सके। सामान्य कृषकों को जहां निर्धारित कैलेंडर के अनुसार पूर्ण पक्षों में पर्चियां प्राप्त होती हैं, वहीं सैनिक कृषकों को सीमित पक्षों में ही उनकी आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
प्रभारी उप गन्ना आयुक्त ने बताया कि कुल गन्ना पर्चियों में 20 प्रतिशत तक सैनिक कोटा का प्रावधान किया गया है, जिससे सैनिक, अर्द्धसैनिक बलों के जवान, भूतपूर्व सैनिक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं उनके विधिक उत्तराधिकारी सीधे लाभान्वित होंगे। इस व्यवस्था के अंतर्गत यदि किसी पात्र सैनिक अथवा भूतपूर्व सैनिक के नाम भूमि अभिलेखों में सट्टा दर्ज नहीं है, परंतु उनके माता अथवा पिता के नाम सट्टा दर्ज है, तो सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किए जाने पर उन्हें भी इस सुविधा का लाभ प्रदान किया जाएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि कार्यरत सैनिकों के लिए अधिकृत एजेंट तथा अर्द्धसैनिक बलों के जवानों के लिए संबंधित कमांडर अथवा कंपनी कमांडर द्वारा जारी पहचान-पत्र को मान्य किया गया है, जिससे पात्रता की पुष्टि सरल एवं पारदर्शी रूप से की जा सके। इससे सैनिक कृषक सदस्यों को अनावश्यक औपचारिकताओं से मुक्त रखते हुए त्वरित लाभ सुनिश्चित होगा।
प्रभारी उप गन्ना आयुक्त ब्रजेश पटेल ने जानकारी दी कि मेरठ परिक्षेत्र के अंतर्गत जनपद की समस्त सहकारी गन्ना विकास समितियों एवं चीनी मिल क्षेत्रों में इस सैनिक कोटा व्यवस्था को समान रूप से लागू किया जा रहा है, ताकि किसी भी स्तर पर असमानता अथवा भ्रम की स्थिति उत्पन्न न हो। सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि नीति के प्रावधानों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करते हुए सैनिक कृषक सदस्यों को समयबद्ध सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
उन्होंने कहा कि गन्ना विकास विभाग की यह पहल केवल गन्ना आपूर्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उस व्यापक दृष्टिकोण को भी प्रतिबिंबित करती है, जिसके अंतर्गत राज्य सरकार सेवा में लगे सैनिकों, भूतपूर्व सैनिकों एवं शहीद सैनिकों के आश्रितों तक विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। यह निर्णय प्रशासनिक संवेदनशीलता, सामाजिक उत्तरदायित्व और राष्ट्रसेवा के प्रति सम्मान का स्पष्ट संकेत है।
अंत में उन्होंने बताया कि सैनिक कोटा की यह सुविधा 01 जनवरी 2026 से प्रभावी होगी और मेरठ परिक्षेत्र के सैनिक कृषक सदस्यों को इसका प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होगा। यह व्यवस्था खेत से लेकर सीमा तक सेवा देने वाले वर्ग के प्रति सम्मान, संवेदनशीलता एवं कृतज्ञता का सशक्त संदेश देती है तथा गन्ना आपूर्ति व्यवस्था को अधिक मानवीय, न्यायसंगत और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगी।


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