राष्ट्रीय चरित्र निर्माण अभियान (रचना) का गुरुग्राम में प्रभावशाली विस्तार

 मेरठ।  राष्ट्रीय चरित्र निर्माण अभियान (रचना) का शुभारंभ गुरुग्राम में  डॉ. अतुल कृष्ण , संस्थापक, सुभारती समूह, की अध्यक्षता में राजकीय सेकेंडरी स्कूल, बहरामपुर में अत्यंत गरिमामय वातावरण में संपन्न हुआ था। उन्मुक्त भारत एवं सुभारती विवि के अंतर्गत संचालित राष्ट्रीय चरित्र निर्माण योजना की तीसरी इकाई गुरुग्राम में  आमोद गुप्ता, डाॅ. शोभा गुप्ता एवं कर्नल कमल सक्सेना द्वारा प्रारम्भ की गई थी। 

इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षकगण एवं लगभग 600 छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की। कार्यक्रम का शुभारंभ “जय हिंद” के ओजस्वी नारे के साथ हुआ, जिसमें विद्यार्थियों ने पूरे जोश और देशभक्ति के भाव से भाग लिया।डॉ. शोभा गुप्ता ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए अभियान के उद्देश्य पर प्रकाश डाला और “जय हिंद”, “वंदे मातरम”, “देश प्रथम, सदैव प्रथम” जैसे मूल मंत्रों का महत्व समझाया तथा देश की आजादी में नेताजी सुभाष चंद्र बोस सहित अनेक क्रांतिकारियों के योगदान पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की स्वतंत्रता असंख्य वीरों के त्याग, बलिदान और क्रांतिकारी प्रयासों से भी प्राप्त हुई। हमें अपने शहीदों को याद रखना चाहिए। डॉ. शोभा गुप्ता ने विद्यार्थियों को स्वच्छता के महत्व से अवगत कराते हुए अपने आसपास स्वच्छ वातावरण बनाए रखने का संदेश दिया तथा सभी से देश प्रथम के अनुरूप आचरण अपनाने का आह्वान किया।

 आमोद गुप्ता ने पर्यावरण संरक्षण पर अपने विचार रखते हुए विद्यार्थियों को प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बच्चों से अपने जन्मदिवस पर एक पौधा अवश्य लगाने का संकल्प लेने का आग्रह किया। छात्रों द्वारा पूछे गए प्रश्नों पर अत्यंत सकारात्मक और उत्साहजनक प्रतिक्रिया देखने को मिली।

कार्यक्रम के दौरान एक रोचक उदाहरण के माध्यम से स्वदेशी उत्पादों के महत्व को प्रभावी ढंग से रेखांकित किया गया। विद्यार्थियों ने गर्व के साथ संकल्प लिया कि वे भारतीय उत्पाद को ही खरीदेंगे चाहें वे विदेशी वस्तुओं से महंगी ही क्यों न हों। उन्होंने कहा कि वे 2/- अधिक देकर भी स्वदेशी वस्तु ही खरीदेंगे।इस आयोजन में कर्नल कमल सक्सेना ने विद्यार्थियों एवं शिक्षकों में राष्ट्रप्रेम, स्वदेशी भावना, स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और देश प्रथम, सदैव प्रथम के मूल्यों को सशक्त रूप से स्थापित करने का प्रयास किया। जय हिन्द, वंदे मातरम एवं भारत माता की जय के उद्घोष के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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