द गुरुकुलम इंटरनेशनल स्कूल में मनाया गया गुरु नानक जी का भव्य प्रकाश पर्व

* छात्रों द्वारा जरूरतमंदों में किया गया कपड़ों और खिलौनों का वितरण

* विशेष सत्र में बच्चों को गुरु नानक देव जी की जीवनी और उपदेशों से परिचित कराया गया

* 'वंड छक्को' (मिल-बांट कर खाओ) के सिद्धांत का महत्व समझाया गया

मेरठ।  शहर के प्रतिष्ठित द गुरुकुलम इंटरनेशनल स्कूल के प्रांगण में इस वर्ष गुरु नानक देव  का प्रकाश पर्व बड़े ही उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया। यह आयोजन सिर्फ एक धार्मिक उत्सव नहीं था, बल्कि छात्रों के लिए मानवता और निस्वार्थ सेवा के मूल्यों को सीखने का एक महत्वपूर्ण अवसर था। बच्चों को सुबह ही गुरुद्वारा शास्त्री नगर में जाकर शीश निवाया और मूल मंत्र के अर्थ समझाने के बाद सभी बच्चों ने मूल मंत्र को अपने जीवन में उतारने का प्रण किया। 

गुरु साहिब के जीवन पर विशेष जानकारी

समारोह की शुरुआत एक विशेष प्रार्थना सभा से हुई, जहाँ स्कूल के शिक्षकों और धार्मिक जानकारों ने बच्चों को गुरु नानक देव जी के जीवन, शिक्षाओं और सिद्धांतों के बारे में विस्तार से बताया। छात्रों ने गुरु साहिब द्वारा स्थापित सार्वभौमिक समानता और एकता के संदेश को ध्यान से सुना। बच्चों को बताया गया कि कैसे गुरु नानक जी ने अपनी यात्राओं के माध्यम से प्रेम और भाईचारे का संदेश फैलाया।

'वंड छक्को' का महत्व और वितरण समारोह

इस उत्सव का सबसे भावनात्मक हिस्सा वह क्षण था जब बच्चों ने गुरु नानक जी के महान उपदेश "वंड छक्को" (अर्थात: मिल-बांट कर खाओ या अपनी कमाई में से दान करो) को अपने जीवन में उतारा।

स्कूल के छात्रों ने, अपने परिवार के सहयोग से, एकत्रित किए गए कपड़ों और खिलौनों का सामूहिक वितरण पास के जरूरतमंद बच्चों और परिवारों के बीच किया। यह पहल छात्रों को बचपन से ही सामाजिक जिम्मेदारी और करुणा का महत्व सिखाने के उद्देश्य से की गई थी। इस गतिविधि ने उन्हें यह एहसास कराया कि खुशी बाँटने से बढ़ती है और दूसरों की मदद करना ही सच्चा धर्म है।

स्कूल के चेयरमैन, कवल जीत सिंह जी ने इस अवसर पर कहा, "हमारा लक्ष्य है कि हमारे बच्चे सिर्फ अकादमिक रूप से ही मजबूत न हों, बल्कि नैतिक और भावनात्मक रूप से भी परिपक्व हों। गुरु नानक जी का प्रकाश पर्व हमें यह याद दिलाता है कि मानवता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। हमने बच्चों में यही मूल्य रोपित करने का प्रयास किया है।"समारोह का समापन सभी छात्रों और स्टाफ सदस्यों के साथ केक कटिंग करके हुआ, जिसने स्कूल कैंपस में भाईचारे और सद्भाव का वातावरण स्थापित किया।

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