नाक रगड़वाने वाले विकुल चपराणा समेत 4 रिहा

चारों एक साथ आए बाहर, समझौते के बाद ही तैयार हो गई थी स्क्रिप्ट

मेरठ।  व्यापारी सत्यम रस्तोगी से सरेराह नाक रगड़वाने के मामले में जेल भेजे गए नेता विकुल चपराणा समेत सभी चारों आरोपी सोमवार शाम जेल से रिहा हो गए। इस दौरान जेल रोड पर विकुल चपराना के समर्थकों की काफी भीड़ मौजूद रहीं। बताया जाता है कि दोपहर में ही सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी।

विकुल चपराना का एक वीडियो 21 अक्टूबर को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसमें वह पुलिसकर्मियों के सामने ही कंकरखेड़ा के व्यापारी सत्यम रस्तोगी को धमकाता दिख रहा था। वीडियो में वह कहता दिख रहा था कि बोला- मंत्री सोमेंद्र तोमर तेरा बाप है। जमीन पर नाक रगड़कर माफी मांग। इस दौरान व्यापारी सत्यम रस्तोगी गिड़गिड़ा कर माफी मांगते रहे। इस दौरान विकुल चपराना के कई साथी भी साथ मौजूद रहे।

पार्टी से निष्कासित हुआ विकुल चपराना

दबंगई का वीडियो सामने आने के बाद हड़कंप मच गया। ऊर्जा राज्य मंत्री का नाम सामने आने के बाद तो किरकिरी शुरू हो गई। चोतरफा निंदा होने लगी। आनन-फानन में विकुल को भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था। मामले में पहले शांति भंग की कार्रवाई की गई थी, लेकिन जब मामले ने तूल पकड़ा तो विकुल सहित चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इनमे हैप्पी भड़ाना, आयुष शर्मा और सुबोध यादव शामिल थे।

जनप्रतिनिधियों ने कराया समझौता

किरकिरी होने के बाद जन प्रतिनिधि सक्रिय हो गई। दोनों पक्षों में समझौते की रणनीति तैयार होने लगी। विगत गुरुवार को सर्किट हाउस में जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में दोनों पक्षों में समझौता हो गया। लिखित समझौता कर दोनों ओर से विवाद खत्म करने पर सहमति बन गई।

समझौते में दोनों पक्ष के यह लोग रहे मौजूद

बैठक में पीड़ित व्यापारी सत्यम के पिता और दूसरी तरफ से आरोपी विकुल चपराणा के मामा रणपाल सिंह, हैप्पी, सुबोध और आदेश के परिजन मौजूद रहे। सभी पक्षों ने आपसी सहमति से कहा- वह अब इस मामले में किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई नहीं करना चाहते।

विकुल समेत चारों को मिली ज़मानत

समझौते के बाद ही यह तय हो गया था कि जल्द ही चारों को जमानत मिल जाएगी। बाकायदा 3 नवंबर का समय भी निश्चित हो गया। मामला सत्ताधारी पार्टी से जुड़ा था, इसलिए परिणाम भी कुछ ऐसे ही मिले। समझौते के बाद पुलिस ने इस मामले से गंभीर धाराएं हटा दी।इसके बाद मामला वापस लोअर कोर्ट में पहुंच गया। चारों की जमानत के कागजात लगाए गए और न्यायालय ने ज़मानत दे दी। सोमवार को जिला जेल से 22 लोगों को जमानत पर छोड़ा गया। हालांकि 27 लोगों को छोड़ा जाना था।

4 से 5 गाड़ियां विकुल को लेने पहुंची थी

विकुल चपराना की रिहाई से पहले जेल रोड पर पुलिस फोर्स लगा दिया गया। जैसे ही विकुल चपराना और उसके साथी जेल से बाहर आए सीओ सिविल लाइन अभिषेक तिवारी ने पुलिस फोर्स की मदद से उन्हें घर के लिए रवाना कर दिया। करीब 4 से 5 गाड़ियां विकुल को लेने पहुंची थी। सीओ ने उन्हें बैरियर पर ही रोक दिया और आगे नहीं जाने दिया। इस दौरान विकुल चपराना और उनके साथियों ने मीडिया से दूरी बनाए रखी।

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