गंगनहर बंद होने से एनसीआर में पेयजल का संकट
20 अक्टूबर तक सफाई और मरम्मत होगी, सिंचाई भी प्रभावित रहेगी
मेरठ। गंगनहर को सफाई और मरम्मत कार्यों के लिए हरिद्वार में बंद कर दिया गया है। यह नहर अब 20 अक्टूबर की मध्यरात्रि को ही खोली जाएगी। इस बंदी का असर मेरठ सहित एनसीआर के कई शहरों में पेयजल आपूर्ति और कृषि सिंचाई पर पड़ेगा।
नहर बंद होने के दो दिन के भीतर मेरठ और आसपास के इलाकों में इसका प्रभाव दिखना शुरू हो जाएगा। हरिद्वार से पानी छोड़ने के बाद मेरठ तक पहुंचने में लगभग 36 घंटे का समय लगता है, इसलिए किसानों और आम जनता को 22 अक्टूबर तक पानी की दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।
सिंचाई विभाग हर साल दशहरे से दीपावली के बीच नहर को बंद कर सफाई और रखरखाव का कार्य करता है। उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर इस बार भी गंगनहर को हरिद्वार के भीमगोड़ा से बंद किया गया है। इसका प्रभाव केवल फसलों की सिंचाई और पेयजल व्यवस्था पर ही नहीं, बल्कि हरिद्वार में हर की पौड़ी पर गंगा स्नान करने वालों पर भी पड़ेगा।
हरिद्वार से निकलने वाली गंगनहर और इसकी अनूपशहर शाखा का पानी मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर और अलीगढ़ जैसे जिलों में कृषि भूमि की सिंचाई के लिए उपयोग होता है। इसके अतिरिक्त, मेरठ, गाजियाबाद और दिल्ली की बड़ी आबादी के लिए यह नहर पेयजल का मुख्य स्रोत है।
नहर बंद होने से इन सभी क्षेत्रों के किसान प्रभावित होंगे। किसान गन्ने की बुवाई के लिए कार्तिक पूर्णिमा गंगा मेले से पहले के समय को उपयुक्त मानते हैं, जो 5 नवंबर को है। वहीं, बड़ी संख्या में किसान गेहूं की फसल की बुवाई भी नहीं कर पाएंगे, जिससे उनकी खेती प्रभावित होगी।
मेरठ खंड गंगनहर के अधिशासी अभियंता विकास त्यागी ने बताया कि नहर की सफाई और मरम्मत कार्य आवश्यक है, इसलिए इसे 20 अक्टूबर तक बंद रखा गया है। उन्होंने यह भी बताया कि शहरों को पानी की आपूर्ति जारी रखने के लिए नहर में जगह-जगह पानी रोका जाएगा, ताकि शहरी जनता को अधिक दिनों तक पीने का पानी उपलब्ध कराया जा सके।


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