अर्बन नक्सलवाद नक्सलवादियों से भी अधिक खतरनाक- के जी सुरेश 

मीडिया, लोकतंत्र और भारत” विषय पर एकदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 

 मेरठ।  राजनीति विज्ञान विभाग, चौधरी चरण सिंह विवि एवं भारतीय राजनीति विज्ञान परिषद् के संयुक्त तत्वाधान में “मीडिया, लोकतंत्र और भारत” विषय पर एकदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन राजनीति विज्ञान विभाग विवि  के चाणक्य सभागार में किया गया।

दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती माता की प्रतिमा के समक्ष पुष्प अर्जित कर संगोष्ठी का शुभारंभ किया गया। एम.ए प्रथम सेमेस्टर के छात्र दीपक बहुगुणा ने स्वस्ति वाचन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संकायाध्यक्ष, कला एवं निदेशक अकादमिक एवं पूर्व कुलपति महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतीहारी, बिहार एवं भारतीय  राजनीति विज्ञान परिषद् के महासचिव एवं कोषाध्यक्ष, प्रोफेसर संजीव कुमार शर्मा द्वारा की गई।

 मुख्य अतिथि प्रोफेसर के. जी सुरेश, निदेशक भारतीय पर्यावास केंद्र, नई दिल्ली, पूर्व कुलपति, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता और संचार विश्वविद्यालय, भोपाल मध्य प्रदेश एवं पूर्व महानिदेशक, भारतीय जनसंचार संस्थान नई दिल्ली ने प्रश्न पूछने की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रश्न अर्जुन ने पूछा तभी हमें भागवत गीता प्राप्त हुई भारत में हजारों सालों से जातक कथाएं उपलब्ध हैं जो इसकी साक्षात प्रमाण हैं। 

बीज वक्ता, प्रोफेसर सतीश कुमार राजनीति विज्ञान विभाग, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली ने कहा कि अर्बन नक्सलवाद नक्सलवादियों से भी अधिक खतरनाक है। अपने वक्तव्य में कहा कि अमेरिका ने मानवाधिकार और महिला सशक्तिकरण की अवधारणा को एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया। उन्होंने खाप पंचायत का उदाहरण देते हुए कहा कि मीडिया द्वारा खाप पंचायत का दुष्प्रचार किया गया जबकि खानपुर द्वारा एक सामाजिक व्यवस्था और नैतिक मूल्यों का संरक्षण होता रहा है।

 कार्यक्रम की सम्मानित अतिथि प्रो. दिव्या उपाध्याय जोशी ने अपने उद्बोधन में कहा कि लोक गाथाओं अथवा अन्य कलाओं के द्वारा भारतीय संस्कृति समृद्ध रही है। यह सभी भारतीय संचार व्यवस्था के महत्वपूर्ण वाहक रहे हैं।

विशिष्ट अतिथि प्रो. असलम खान, आचार्य नेल्सन मंडेला शांति अध्ययन केंद्र, जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली द्वारा अपने वक्तव्य में कहा गया कि भारत में आलोचना को सदैव महत्व दिया गया है परंतु विमर्श के माध्यम से पत्रकारिता ने लोकतंत्र को कमजोर किया है।

कार्यक्रम के पूर्व ही उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण हेतु संचालित  महत्वाकांक्षी योजना मिशन शक्ति के अंतर्गत लॉटरी प्रक्रिया द्वारा विभाग की छात्रा ऋतिका चौधरी को एक दिन के लिए विभाग की अध्यक्ष नियुक्त किया गया। सुश्री रितिक चौधरी ने बतौर विभाग के अध्यक्ष इस संगोष्ठी में सहभागिता की।

इसके पश्चात प्रो. संजीव कुमार शर्मा  ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में समस्त विद्यार्थी एवं शोधार्थियों से आग्रह किया कि सभी विषयों का एक समावेशी अध्ययन आवश्यक है। सभी विषयों का एक समावेशी अध्ययन ही भारत के विकास की आधारशिला बनेगा।शोधार्थी सुश्री प्रियंका तंवर ने मंच संचालन किया।

  प्रतिवेदन लेखन का कार्य शोध छात्र अमित कुमार, पुष्पेंद्र कुमार और परास्नातक छात्र लक्ष्य ने किया। आयोजित कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों विभागों और संबद्ध महाविद्यालय के अनेक आचार्य गण एवं शोधार्थी, विभाग के शिक्षकगण डॉ. जयवीर राणा, डॉ. भूपेंद्र प्रताप सिंह, डॉ० चंचल चौहान, डॉ. मुनेश कुमार, डॉ. रवि पोसवाल, डॉ. देवेंद्र उज्जवल, सुश्री रवीना टैगोर, डॉ. सानिया खानम, डॉ. सुषमा रामपाल उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में विभाग के सभी कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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