बायर ने भारतीय किसानों के लिए नई पीढ़ी का गेहूं खरपतवारनाशक मटेनो® मोर किया लॉन्च
मेरठ: बायर, जो खेती और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाली एक बड़ी वैश्विक कंपनी है, ने भारत में गेहूँ किसानों के लिए माटेनो® मोरनामक नया खरपतवारनाशक लॉन्च किया है। यह हर्बिसाइड खासतौर पर किसानों के खेतों में उगने वाले जिद्दी खरपतवारों पर बेहतर नियंत्रण के लिए तैयार किया गया है।
माटेनो® मोर में तीन शक्तिशाली सक्रिय तत्व शामिल हैं, जो अलग-अलग तरीकों से खरपतवारों पर असर करते हैं। यह भारत में अपना तरह का पहलातीन-दवाओं का मिश्रण है औरफैलारिस माइनर, रुमेक्स और चेनोपोडियम जैसी मुश्किल खरपतवारों पर भी बेहतरीन प्रभाव दिखाता है।
भारत दुनिया में गेहूँ उत्पादन में दूसरा सबसे बड़ा देश है, लेकिन गेहूँ उगाने वाले मुख्य क्षेत्रों के किसान फलारिस खरपतवार के बढ़ते प्रकोप से परेशान हैं। यह खरपतवार कई पुराने हर्बिसाइड्स के असर को खत्म कर चुका है, जिससे किसानों के लिए फसल की पैदावार बनाए रखना मुश्किल हो गया है।
इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए माटेनो® मोर (Mateno® More) को बाजार में मौजूद अन्य हर्बिसाइड्स से अलग तरीके से काम करने के लिए तैयार किया गया है। यह खास तौर पर भारतीय खेती की परिस्थितियों, विशेषकर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे गेहूँ उत्पादक राज्यों के लिए बनाया गया है, जहाँ खरपतवारों में प्रतिरोध बढ़ना एक बड़ी चिंता का विषय है।
माटेनो® मोरजड़ों और तने, दोनों से अवशोषित होकर लंबे समय तक खेत में रहता है, जिससे खेत लंबे समय तक साफ और हरे-भरे बने रहते हैं। यह लंबे समय तक सुरक्षा भी देता है, जिससे किसानों को बार-बार छिड़काव करने की जरूरत नहीं पड़ती। इसका सीधा फायदा किसानों को समय, लागत और मेहनत की बचत में मिलता है।
'माटेनो® मोर' के लॉन्च के अवसर पर, बायर (Bayer) के क्रॉप साइंस डिविजन में भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका के क्लस्टर कमर्शियल लीडमोहन बाबूने कहा,"माटेनो® मोर को बाजार में लाकर हम सिर्फ एक नया खरपतवार नाशक पेश नहीं कर रहे हैं, बल्कि भारत की खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने और किसानों को गेहूँ उत्पादन में आने वाली बदलती चुनौतियों से निपटने में मदद करने की अपनी प्रतिबद्धता को भी आगे बढ़ा रहे हैं। यह लॉन्च दर्शाता है कि बायर भारतीय कृषि में नवाचार, मजबूती और लंबे समय तक स्थायी विकास को बढ़ावा देने में किसानों का भरोसेमंद साथी है।"
यह हर्बिसाइड "प्री-इमर्जेंट"श्रेणी का है, यानी इसे गेहूँ की बुवाई के पहले तीन दिनों के अंदर इस्तेमाल किया जाता है।
इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि खरपतवार अंकुरित होने से पहले ही नियंत्रण में रहे, ताकि फसल का विकास प्रभावित न हो। यह तरीका लंबे समय तक सुरक्षा देता है और गेहूँ की फसल को स्वस्थ तरीके से बढ़ने में मदद करता है, जिससे अंततः उपज बेहतर होती है।
माटेनो® मोर 800 एमएल की पैक साइज में उपलब्ध होगा।
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