अर्थव्यवस्था में पर्यटन
इलमा अज़ीम 
दुनिया में तेल और हाल के सालों में उभरे आईटी क्षेत्र के बाद अगर सबसे बड़ा कोई उद्योग है, सबसे ज्यादा राजस्व हासिल करने का क्षेत्र है, तो वह यही पर्यटन उद्योग है। दुनिया का तीसरे नंबर का सबसे महत्वपूर्ण उद्योग पर्यटन आज समूचे विश्व की अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है। 
संयुक्त राष्ट्र की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के सकल घरेलू उत्पाद में पर्यटन उद्योग की भूमिका 10 फीसदी है। दुनिया में जितने भी लोग नौकरी-पेशे में हैं, उनमें हर दसवें व्यक्ति की नौकरी इसी पर्यटन उद्योग से जुड़ी हुई है। दुनिया में कई ऐसे देश हैं, जिनके पास पर्यटन एकमात्र आजीविका का साधन है और उनकी गिनती दुनिया के समृद्ध देशों में होती है। 



थाइलैंड, मालद्वीव, मोरक्को और ग्रीस के पास सबसे बड़ा आर्थिक संसाधन पर्यटन उद्योग ही है। नेपाल, भूटान और श्रीलंका जैसे देशों की भी इकोनॉमी का यह मुख्य आधार है। भले ही हमारे अपने देश में इसकी विशेष महत्ता न समझी जाती हो, लेकिन साल 2024 के आंकड़े बताते हैं कि भारत में 4 करोड़ लोगों को रोजगार इसी पर्यटन उद्योग के जरिये ही हासिल है और हां, यह भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 8 फीसदी सालाना का योगदान देता है। आज की तारीख में पर्यटन अर्थव्यवस्था का सचल इंजन बन चुका है।
 होटल, परिवहन, इवेंट प्रबंधन, हस्तशिल्प, फोटोग्राफी आदि क्षेत्रों से करोड़ों लोगों को रोजगार मिला हुआ है। पर्यटन उद्योग के जरिये देश हर साल भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा अर्जित करता है। पर्यटन उद्योग की बदौलत भारत में हवाईअड्डों, सड़कों, रेलवे, आईटी सेवाएं आदि की सुविधाएं बहुत तेजी से विकसित होती हैं। पर्यटन अर्थव्यवस्था का अब देश की ग्रामीण दुनिया में भी विस्तार हो चुका है। 


गांव में होम स्टे, एथनिक फूड और हस्तशिल्प को बढ़ावा मिलता है और इन सबसे अलग हमें इस बात को भी नहीं भूलना चाहिए कि पर्यटन सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व की गतिविधि होती हैं यह महज पैसा कमाने का जरिया ही नहीं है बल्कि पर्यटन दो भिन्न संस्कृतियों को भी आपस में जोड़ता है। यह हमारी धरोहरों को सुरक्षित करता है, उनकी महत्ता स्थापित करता है और युवाओं के लिए उद्यमिता के अवसर बनाता है।

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