युवाओं में हार्ट अटैक
राजीव त्यागी
भारत में सबसे ज्यादा युवाओं की आबादी होने के बाद भी बीमार युवाओं की संख्या बढ़ती जा रही है। कहा जाता है, शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने पर ही मानव जीवन को बेहतर तरीके से जिया जा सकता है। जिस तरह से बीमारियां अब सभी उम्र के लोगों के बीच में देखने को मिल रही है। यह चिंता का सबसे बड़ा कारण बन गया है। आर्थिक कारणों से आत्महत्या लगातार बढ़ती जा रही है। हार्टअटैक का खतरा अब युवाओं को अपने आगोश में ले रहा है। यह स्थिति चिंतनीय है। रजिस्टार जनरल ऑफ इंडिया की सैंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे की ताजा रिपोर्ट में बताया गया है, वर्ष 2021 से 2023 के बीच में भारत में जितनी मौत हुई है उनमें लगभग 31 फीसदी मौत दिल की बीमारियों के कारण हुई है।
रिपोर्ट के अनुसार भारत में गैर संक्रामक रोग जैसे दिल की बीमारी, कैंसर, डायबिटीज इत्यादि से सबसे ज्यादा 56.7 फीसदी मौतें हुई हैं। रिपोर्ट से यह भी जानकारी मिलती है, संक्रामक रोग, मातृ और नवजात शिशु की 23 23.4 फीसदी मौत दर्ज की गई हैं। कोविड से प्रभावित लोगों की मौत 2020 से 2022 के बीच में 55.7 और 24 फीसदी दर्ज की गई है। रिपोर्ट के अनुसार 30 साल से कम उम्र के लोगों की हार्ट की बीमारियों के कारण मौत सबसे ज्यादा हो रही हैं। 15 से 29 साल तक के युवाओं की मौत आत्महत्या के कारण हो रही हैं। युवाओं में आत्महत्या की प्रवृत्ति बड़ी तेजी के साथ बढ़ रही है। जो रिपोर्ट आई है, वह काफी चौंकाने वाली है। सांस से जुड़े संक्रमण और पाचन तंत्र की बीमारियों के कारण 5 फीसदी से अधिक लोगों की मौत हो रही हैं। सड़क हादसों में भी करने वालों की संख्या 3.7 फीसदी तक पहुंच गई है। लगातार बढ़ रही मौतों के कारण एक नई चिंता देखी जा रही है।
सड़कों पर तेज रफ्तार की गाड़ियां, सड़क दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण है। तेज गति में दौड़ती गाड़ियों की जो लाइट है, वह सामने वाली गाड़ी के ड्राइवर की आंखों पर असर डालती हैं। जो दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण है। सरकार जो भी नियम कानून बनाती है, उसमें व्यवहारिक पक्ष का ध्यान नहीं रखती है। जिसके कारण सड़क दुर्घटनाओं में लगातार मौत की संख्या बढ़ती ही जा रही हैं। इसी तरह से जिस तरह से युवाओं में हार्ट अटैक के कारण मौत हो रही हैं।
वह चिंता का सबसे बड़ा कारण बना हुआ है। भारत में नकली दवाओं, फास्ट फूड का बढ़ता चलन, शारीरिक श्रम लगातार कम होने से बीमारियां बड़ी तेजी के साथ बढ़ रही हैं। बीमारियों के साथ मौतों की संख्या भी निरंतर बढ़ती जा रही है। यह स्थिति भारत जैसे देश के लिए सबसे बड़ी चिंता का कारण है। सबसे बड़ी चिंता तो अब इस बात की होने लगी है। निम्न वर्ग जो हमेशा मेहनत और मजदूरी करके हमेशा स्वस्थ जीवन जीता था। अब उनमें भी बीमारियां लगातार बढ़ रही हैं। निम्न वर्ग में खाने-पीने और शारीरिक श्रम को लेकर जो बड़ा बदलाव आ रहा है। वह चिंता का सबसे बड़ा कारण है।
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