तुमसा कोई नहीं जमाने में...!

- ललिता जोशी
दोस्त हो या प्रेमी -प्रेमिका उनकी तभी पटरी बैठती है जब वो सिर्फ एक दूसरे की विशिष्टता को देखते हैं और फिर एक  दूसरे में रम जाते हैं । या फिर एक दूसरे की खामियों को नज़रअंदाज कर दे और आगे बढ़ जाएँ । यही सब लागू होता आया है  यारी दोस्ती में इसलिए आज भी कृष्ण और सुदामा की दोस्ती का उद्धारण दिया जाता है । इन दोनों की हैसियत में अर्श और  फर्श तक का फर्क था लेकिन दोस्ती के आगे ये सब कुछ मायने नहीं रखता है । ऐसे ही कुछ देश और नेताओं की दोस्ती भी ऐसी ही होती है । हम विश्वगुरु और हमारे दोस्त जो विश्व के लिए बिग ब्रदर की भूमिका में सक्रिय रहते हैं । कभी किसी देश को आतंक से छुटकारा दिलाना हो या फिर बाइलोजिकल हथियारों के शक के पर कुछ देशों को नेस्तनाबूद कर डालना हो । बिग ब्रदर की दादागिरी जो ठहरी । बिगब्रदर ने अपने यहाँ दुनिया से आए लोगों को पनाह दी ।
बिगब्रदर की नगरी है ही ऐसी । सपनों का सौदागर है बिगब्रदर । कामगारों से लेकर उच्च शिक्षा और अनुसंधान करने वालों की पहली पसंद है बिगब्रदर ।  अच्छी नौकरी ,बेहतर वेतन । काम करने के बेहतर परिस्थितियाँ  और  अभिव्यक्ति की आजादी, काम करने की आज़ादी । बेहतरीन आबो -हवा ,मिलावट रहित खाना -पानी,अच्छी शिक्षा , राहगीरों के चलने के लिए अच्छे फूटपाथ एक आम आदमी को और क्या चाहिए । इसलिए ‘तेरे चेहरे पे क्या जादू है ,तेरी ओर खींचा चला आता हूँ ।‘बिग ब्रदर की छाया तले सब अपने को सुरक्षित समझते हैं । इसलिए बिग ब्रदर के यहाँ जाने के वैध और अवैध तरीके अपनाते हैं ।राजनीतिक आश्रय के लिए भी नेताओं की पसंद है बिग ब्रदर ।

बिग ब्रदर है तो उसकी धौंस भी चलती है । किसी देश पर बाइलोजिकल हथियारों के शक की बिनाह पर कार्रवाई कर डाली या फिर आतंकवादियों से छुटकारा दिलाने के नाम अपने सैनिक भेज दिये और फिर वहाँ गोला बारूद से बमबारी कर दी जाती है । बिग ब्रदर की टांग इतनी बड़ी है कि वो दो देशों के बीच चल रहे युद्ध में मध्यस्तथा करने चल पड़ते हैं । विश्व के किसी भी कोने में कोई भी गड़बड़ होगी तो ये अपनी चौधराहट झाड़ने पहुँच जाते हैं । अपने बिग ब्रदर  ने  सभी देशों पर चौधराहट के साथ टैरिफ भी थोप दिया है । उसने अपने देश कि अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के नाम पर अपने दोस्त पर सबसे  ज्यादा टेरिफ़ लगाया ।
ऐसा लगा जैसे की ग्लोबल वार्मिंग के इस दौर में  ओज़ोन लेयर में छेद हो  गया कहीं बाढ़ , कहीं सूखाड़ ,कहीं बादल फटने की आसमानी दुर्घटनाएँ ,कहीं जंगलों में आग तो ,कहीं ज्वालामुखी दहक रहे हैं तो कहीं भूस्खलन हो रहें हैं, तो कहीं हिमनद पिघल रहे हैं और समुद्र का  जल स्तर बढ़ रहा है और  परेशान हो रहा आम जन । जान -माल का नुकसान अलग से । अर्थव्यवस्था की ओज़ोन लेयर के लिए छेद है ये टेरिफ़ । अपनी अर्थव्यवस्था को सुरक्षित बनाए रखो मगर दूसरों को मिट्टी में मिला दो ।  विश्वगुरु को ये पसंद नहीं आया तो उसने भी अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए अपने पड़ोसी की ओर कदम बढ़ा लिया । जब कोई मुसीबत में होता है वो अपने  को बचाने के लिए कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार हो जाता है ,चाहे उसे  दोस्त के दुश्मन के साथ दोस्ती ही क्यों न करनी पड़े । जब बात अपनी जान पर आ जाती है तो चींटी भी हाथी को पटखनी दे देती है । हम तो ठहरे विश्व गुरु । बिग ब्रदर डाल -डाल तो विश्व गुरु पात -पात ।



कई बार लगता है कि बिग ब्रदर तो अंडरवर्ल्ड डॉन के समान है जो टेरिफ़ की धमकी से एक्सटोरशन मनी लेता है । ये जरूरी तो नहीं हर कोई डॉन से थर्र थर्र कांपे । जब दोस्त, दोस्त के दुश्मन के साथ मिल अपना लाभ कमाने लगे तो दोस्त भी सोच में पड़ जाता है । अब यही  हुआ है बिग ब्रदर के साथ । तो हालत ये हो गई  कि मरता क्या न करता । अब दोस्ती के राग फिर से आरंभ कर दिये बिग ब्रदर ने । अब कहते हैं वो हमारे परम मित्र हैं । अब नानी याद आ गई जनाब को ।
बिग ब्रदर हैं तो मजेदार टेरिफ़ की खुन्नस इस बात पर की मेरे दोस्त आप उससे ख़रीदी क्यों कर रहे हो जिससे सामान खरीदने के लिए  आप को मना किया गया है । अरे भाई आप  को क्या प्रॉब्लम है हम जिस किसी के साथ व्यापार करें । हमारा पैसा हम जहाँ मर्जी शॉपिंग करें ।  मेरी मर्जी ! अगर आप को किसी विशेष से प्रोब्लम है तो आप उसकी दुकान बंद करो ना । मगर आप ऐसा नहीं कर पाएंगे क्योंकि वो भी अपने किस्म का दादा है । आप का सारा बस अपने परम मित्र पर ही चला । आपका दोस्त और आपने उसको ही टेरिफ़ की तलवार से काटना चाहा । टेरिफ़ भी लगाया सबसे ज्यादा ।  शायद आपको ये मालूम नहीं होगा की वो भी बाहुबली है मगर ताकत का बेजा दिखावा और प्रयोग नहीं करता । वो आप को कूटेगा अपनी कूटनीति से । साँप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे ।



आप अपने को बचाने के चक्कर में सभी की नैया डूबाने में लग गए मगर इसमें आप ही डूबने लगे । घर और बाहर दोनों जगहों पर आपकी ही निंदा हो रही है । बाकियों ने अपने को बचाने के रास्ते ढूंढ ही लिया है । अपना हाथ जगन्नाथ जो होता है । बिग ब्रदर आप अब दोस्ती का राग आलापें या विलापें । अब आप गाते रहें तुमसा  कोई नहीं जमाने में !
वैसे देखा जाए तो है भी नहीं कोई ...।
(मुनिरका एंक्लेव, दिल्ली)

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