अस्पतालों मे खुले मेडिकल स्टोरों में पचास फीसदी दवाइयां नकली 

मेरठ समेत प्रदेश भर के अस्पतालों में खुले मेडिकल स्टोरों की  जांच पड़ताल की जाएगी 

मेरठ। शहर के ज्यादतर प्राइवेट अस्पतालों संचालित हो रहे मेडिकल स्टोरों में पचास फीसदी दवाइंया बेची जा रही है। यह बात हम नहीं कर रहे बल्कि आगरा में औषधि विभाग  व एसटीएफ के द्वारा संयुक्त छापेमारी में खुलासा हुआ है। छापेमारी के बाद दवाईयों की करायी गयी जांच में दवाइयां नकली निकली है। मामले की गंभीरत को देखते हुए अब सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने मेरठ समेत प्राइवेट अस्पतालों से संचालित मेडिकल स्टोरों की जांच कराने के लिए निर्देश सभी अपर निदेशक परिवार कल्याण व स्वास्थ्य  व सीएमओ व खाद्य औषधि निरीक्षकों को  को दिए गये है। 

दरअसल  एसटीएफ को जानकारी मिली थी कि आगरा के प्राइवेट अस्पतालों संचालित हो रहे मेडिकल स्टोरों में नकली दवाइंयों को बेचकर मरीजों की जिदंगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। जिस पर उक्त अस्पतालों पर छापेमारी करने के निर्देश दिए गये । औषधि विभाग व एसटीएफ की ओर से उक्त अस्पतालो में छापेमारी की गयी। तो  वहां पर 50 फीसदी दवाइयां नकली बेची जा रही थी। मेडिकल स्टाेरों में बचने वाली 8 फर्मो की जांच करने पर 4 राज्यों में नकली दवाओं का काला काला कारोबार उजागर हुआ है। एसटीएफ व औषघि विभाग ने दस दिनों के अंदर 71 करोड़ की नकली दवाओं को सीज किया । जांच के लिए इन दवाओं के 25 नमून जांच के लिए लैब भेजे। इतना नहीं नकली करोबार के साथ जांच में 15 फर्म डमी मिली है। नकली दवा का कारोबार करने वाले माफिया एक ही बैच से नामी कंपनी की एक हजार गुणा नकली दवा बनाकर बाजार में खपा रहा था। अस्पतालों में चल रहे इन मेडिकल स्टोरों द्वारा जारी किए गये बिल भी टीमों ने अपने कब्जे में लेकर शासन को भेज दिए है। इस छापेमारी के बाद प्राइवेट अस्पतालो  में नकली दवा मिलने के बाद सभी प्राइवेट हाॅस्पिटल भी संदेह के घेरे में आ गये है। 

 खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की अपर आयुक्त रेख एस चौहान ने शासन स्तर से गठित विशेष से मेरठ समेत प्रदेश के अंदर प्राइवेट हॉस्पिट से संचालित मेडिकल स्टोरों की जांच करने के निर्देश दिए गये है। सभी जनपदों के औषधि निरीक्षकों को प्राइवेट अस्पताल में संचालित किए जा रहे मेडिकल स्टोरों की सूची बनाने के निर्देश  जारी किए गये है। 

ये है हब नकली दवाओं के 

 आगरा में की गयी छापेमारी के बाद इस बात को खुलासा हुआ है नकली दवाइंयां पांडेचेरी में बनवाई जा रही थी। जानकारी मिली है। कि हिमाचल प्रदेश ओर गुरूग्राम में बडे पैमाने पर नामी गिरामी कंपनियों की नकली दवाई बनायी जा रही थी। 

इन जिलो में खपाते थे नकली दवाइंया 

औषधि विभाग के एक अधिकारी ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि नकली दवाओं के सिडिंकेट के ऐसे शहरों को चुनते थे जहां पर आसानी से नकली दवाओ का खपाया जा सके। इसमें आगरा , अलीगढ़ , सहारनपुर, मु़ नगर, बिजनौर,बागपत व मेरठ  जिले शामिल है। अभी गोपनीय जांच चल रही है। इस लिए नामों को उगाजर नहीं किया जा सकता है। 

 अस्पतालों में मचा हड़कंप 

  अपर निदेशक खाद्य एंव औषधिक विभाग के निर्देश मिलने के बाद  मेरठ के खाद्य एवं औषधि विभाग ने प्राइवेट अस्पतालों की सुची बनानी आरंभ कर दी है। इसके बाद अस्पतालों में हड़कंप मचा हुआ है। लखनऊ से आने विशेष टीम कभी किसी भी अस्पताल में छापेमारी कर सकती है। 

दवा पर मिल रहे डिस्काउंट की होनी चाहिए जांच 

 इस बारे में मेरठ ड्रग्स एंड कैमिस्ट एसो. के महामंत्री रजनीश कौशल का कहना है वह तो पहले इस बात की मांग करते आ रहे है। नकली दवाओं के करोबारियों के खिलाफ अभियान चलाया । साथ ही उन्होंने कहा है प्रावइेट अस्पततालों में  मेडिकल स्टोर पर  15 से 20 प्रतिशत दवाओं पर कैसे डिस्काउंट दिया जा रहा है। इस बात की भी जांच होनी चाहिए है। 


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