बिजली विभाग में भ्रष्टाचार पर ए.के. शर्मा का बड़ा एक्शन, रिश्वत मांगने वाला लाइनमैन बर्खास्त

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग के निजीकरण और सुधारों को लेकर चल रही बहस के बीच ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने एक बार फिर साफ किया है कि उनकी प्राथमिकता उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा और विभाग में पारदर्शिता लाना है। शुक्रवार को लखनऊ स्थित 1912 शिकायत नियंत्रण कक्ष का निरीक्षण करते हुए उन्होंने न केवल विभागीय व्यवस्था की समीक्षा की, बल्कि एक भ्रष्ट लाइनमैन पर तुरंत कार्रवाई कर मिसाल भी पेश की।

निरीक्षण के दौरान बहराइच जिले के रणजीतपुर सब स्टेशन के अंतर्गत गंडेरियन पुरवा गाँव से एक उपभोक्ता की शिकायत टोल फ्री नंबर पर दर्ज हुई। महिला ऑपरेटर के माध्यम से कॉल पर उपभोक्ता ने बताया कि उनके घर का बिजली कनेक्शन एक लाइनमैन ने काट दिया है और दो हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा है। इस पर ऊर्जा मंत्री ने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए आरोपी लाइनमैन नेपाली को तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त करने का आदेश दिया।

इसके बाद मंत्री ए.के. शर्मा विधानसभा क्षेत्र के 33/11 केवी उपकेंद्र पहुंचे, जहां उन्होंने मौजूद कर्मचारियों से विभागीय कामकाज, शिकायतों के निस्तारण की प्रक्रिया और उपभोक्ता संतुष्टि से जुड़ी जानकारियाँ प्राप्त कीं। निरीक्षण के दौरान कई शिकायतों के लंबित होने और अनावश्यक देरी की बात सामने आई, जिस पर मंत्री ने नाराजगी जताई।

उन्होंने निर्देश दिए कि अब से ऐसी सभी समस्याएं जो दुर्घटना, भ्रष्टाचार, बार-बार की शिकायत, संवेदनशील उपभोक्ता, वीआईपी कॉल या तकनीकी कारणों से जुड़ी हों, उन्हें ‘विशेष फ्लैगिंग कैटेगरी’ में चिन्हित किया जाए और इनका तत्काल निस्तारण किया जाए। साथ ही, इन मामलों की निगरानी उच्च अधिकारियों के स्तर पर सुनिश्चित की जाए।

मंत्री ने दोहराया कि,“बिजली विभाग को दुरुस्त करके ही रहूंगा। उपभोक्ता हमारे लिए सर्वोपरि हैं। जब तक विभाग जनहित की भावना से नहीं चलेगा, हम चैन से नहीं बैठेंगे।”

ए.के. शर्मा की इस सक्रियता से यह संदेश स्पष्ट है कि प्रदेश सरकार अब बिजली विभाग की कार्यशैली में जवाबदेही, पारदर्शिता और उपभोक्ता संतुष्टि को सर्वोपरि मानते हुए भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है।

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