एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक ने किया न्यूरोडाइवर्स फोटोग्राफरों द्वारा खींची गई फोटोज़ की प्रदर्शनी का उद्घाटन 

-विश्व फोटोग्राफी दिवस पर, आनंद विहार नमो भारत स्टेशन बना समावेशिता, रचनात्मकता और न्यूरोडाइवर्स कलाकारों के सशक्तिकरण का एक मंच 

मेरठ। विश्व फोटोग्राफी दिवस के अवसर पर, एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक,  शलभ गोयल ने  मंगलवार को  आनंद विहार नमो भारत स्टेशन पर न्यूरोडाइवर्स कलाकारों द्वारा क्यूरेट की गई एक अनूठी फोटो प्रदर्शनी, 'सितारे नमो भारत में' , का उद्घाटन किया। इस अवसर पर एनसीआरटीसी के निदेशक एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

इस प्रदर्शनी के माध्यम से, एनसीआरटीसी इन प्रतिभाशाली फोटोग्राफरों के अपनी प्रतिभा को एक साथ हज़ारों नमो भारत यात्रियों के सामने प्रस्तुत करने का मंच प्रदान कर रहा है। साथ ही, यह दर्शकों  के लिए भी एक अनूठा अवसर प्रदान कर रहा है कि वे इन न्यूरोडाइवर्स कलाकारों की नज़र से दुनिया को देख और समझ सकें। इन तस्वीरों में न केवल इन कलाकारों की रचनात्मकता, बल्कि दुनिया के प्रति उनका दृष्टिकोण भी कैद है, जिसे अब सभी देख और सराह सकते हैं।

स्टेशन के कॉन्कोर्स लेवल पर आयोजित यह प्रदर्शनी सामाजिक समावेशिता की भावना को दर्शाती है और अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (एडीएचडी) जैसी न्यूरोडाइवर्सिटीज़ संबंधी स्थितियों के बारे में जागरूकता पैदा करती है। यह एनसीआरटीसी के समावेशिता तथा सार्वभौमिक पहुँच के मूल्यों के अनुरूप है।

श्री गोयल ने प्रतिभागी फोटोग्राफरों से बातचीत भी की। उन्होंने प्रदर्शित तस्वीरों से संबंधित अपने दृष्टिकोण, अपने अनुभव और प्रेरणाएँ प्रबंध निदेशक से साझा कीं। भाग लेने वाले फोटोग्राफरों को उनकी प्रतिभा और समर्पण के लिए एनसीआरटीसी द्वारा प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया। 

यह प्रदर्शनी KnowDisability.org के सहयोग से आयोजित की जा रही है। यह एक अनूठी पहल है जिसमें रचनात्मक वोकेशनल ट्रेनिंग के माध्यम से बौद्धिक और विकासात्मक रूप से दिव्यांग व्यक्तियों को सशक्त बनया जाता है। इस प्रदर्शनी में लगाई गई तस्वीरें KnowDisability.org द्वारा प्रशिक्षित न्यूरोडाइवर्स व्यक्तियों द्वारा भारत के पहले ऐसे फोटोग्राफी स्टूडियो में ली गई हैं, जो पूरी तरह से न्यूरोडाइवर्स युवाओं द्वारा संचालित है। यह प्रदर्शनी 6 सितंबर 2025 तक आम जनता के लिए निःशुल्क रूप से उपलब्ध है। 

प्रतिभागी कलाकारों और उनके परिवारों ने नमो भारत ट्रेन में यात्रा का भी अनुभव किया। 160 किमी प्रति घंटे की अधिकतम परिचालन गति से यात्रा करने के उनके उत्साह ने उनके गौरव और समावेश की भावना को और बढ़ा दिया। एनसीआरटीसी के 'यात्री-प्रथम' दृष्टिकोण के अनुरूप, यात्रियों के लिए एक आरामदायक और निर्बाध आवागमन सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया गया है। दृष्टिबाधित यात्रियों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए, स्टेशनों पर समर्पित टैकटाइल पाथ बनाए गए हैं। इसके अतिरिक्त, दिव्यांगजनों के लिए न केवल व्हीलचेयर बल्कि आपातकालीन स्थिति में चिकित्सा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्ट्रेचर के आवागमन के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन की गई विशाल लिफ्टें भी लगाई गई हैं।

'सितारे नमो भारत में' जैसी पहलों के माध्यम से, एनसीआरटीसी नमो भारत स्टेशनों को जीवंत सोशल हब बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को सुदृढ़ कर रहा है, जो स्टेशनों को संस्कृति, समावेशिता और सामुदायिक सहभागिता के केंद्र के रूप में विकसित कर रहे हैं।  कला प्रदर्शनियों या 'म्यूजिकल फ्राइडेज़' के रूप में निरंतर प्रयास किया जा रहा है कि नमो भारत स्टेशन को सिर्फ़ एक पारगमन केंद्र न बनाकर, एक जीवंत सामाजिक या सांस्कृतिक केंद्र बनाया जा सके। संगीत, कला और अब फ़ोटोग्राफ़ी के साथ, प्रत्येक नमो भारत स्टेशन संपर्क, रचनात्मकता और साझा अनुभवों के क्षेत्र के रूप में विकसित हो रहा है।


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