पूर्व प्रधानमंत्री जन्म शताब्दी पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग में एक विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जो साहित्यिक-सांस्कृतिक परिषद एवं मनोविज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वावधान में सम्पन्न हुई। संगोष्ठी भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री एवं महान राष्ट्र नायक अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अल्पना अग्रवाल के स्वागत भाषण से हुआ, जिसमें उन्होंने उपस्थित अतिथियों, वक्ताओं एवं विद्यार्थियों का अभिनंदन करते हुए अटल जी के प्रेरणादायक जीवन, बहुआयामी व्यक्तित्व और भारतीय राजनीति में उनके योगदान की सराहना की। उन्होंने अटल जी को एक कुशल वक्ता, संवेदनशील कवि, प्रखर राजनीतिज्ञ और दूरदर्शी नीति-निर्माता के रूप में स्मरण किया। संगोष्ठी का मुख्य विषय था “विश्व मंच पर भारत: अटल दृष्टि और दूरदर्शी विदेश नीति”, जिस पर विशेषज्ञ वक्ताओं द्वारा सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत किए गए। मुख्य वक्ता प्रोफेसर आराधना, इतिहास विभाग, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ ने अटल जी की विदेश नीति में भारत की अस्मिता को दृढ़ता से प्रस्तुत करने की दृष्टि, उनकी ओजस्वी वाणी, साहित्यिक प्रतिभा एवं संवेदनशील नेतृत्व पर प्रकाश डाला।
उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन.सी. लोहानी ने कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित रहकर विद्यार्थियों को जेआरएफ/नेट परीक्षा में सफलता प्राप्त करने हेतु बधाई दी और उन्हें आगे शोध के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। साहित्यिक-सांस्कृतिक परिषद की अध्यक्ष प्रो. नीलू जैन गुप्ता ने विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति और मूल्यों के साथ जीवन जीने की प्रेरणा दी। परिषद के समन्वयक प्रो. के.के. शर्मा ने मनोविज्ञान की भूमिका को नीतिगत निर्णयों और विदेश नीति में महत्त्वपूर्ण बताया। कार्यक्रम में जून 2025 में आयोजित यूजीसी जेआरएफ/नेट (पीएचडी स्तर) की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए विद्यार्थियों को विशिष्ट अतिथियों द्वारा प्रमाण पत्र और प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।इस अवसर पर प्रो. संजय कुमार, डॉ. अंशु अग्रवाल, डॉ. लवलीन तिवारी, आचार्य विघ्नेश त्यागी, दरवेश जी, एवं दीपक त्यागी, हिमांशु सहित अनेक छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. लवलीन तिवारी ने किया तथा डॉ. अंशु अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए कार्यक्रम की गरिमा को सशक्त रूप प्रदान किया।
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