बिजली कर्मचारियों की जेल भरो आंदोलन की तैयारी

मेरठ। बिजली के निजीकरण के खिलाफ विद्युत कर्मचारी जेल भरो आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने यह भी निर्णय लिया है कि वह पावर कॉरपोरेशन द्वारा विद्युत नियामक आयोग को भेजे गए निजीकरण के मसौदे के विरोध में जन सुनवाई की सभी तारीखों पर नियामक आयोग के समक्ष आपत्ति दर्ज कराएंगे तथा निजीकरण का निर्णय रद्द करने की मांग करेगी। 

उत्तर प्रदेश विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा गुरुवार को जारी बयान में कहा कि अवैधानिक ढंग से नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन द्वारा तैयार किए गए पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का पूरा मसौदा असंवैधानिक है। संघर्ष समिति ने निजीकरण के मसौदे पर बिंदुवार आपत्तियां तैयार करने के लिए एक उच्च स्तरीय तकनीकी समिति का गठन किया है। संघर्ष समिति के स्थानीय संयोजक के अनुसार विद्युत नियामक आयोग 07 जुलाई को लखनऊ में, 09 जुलाई को केस्को में, 11 जुलाई को वाराणसी में, 15 जुलाई को आगरा में ,16 जुलाई को ग्रेटर नोएडा में और 17 जुलाई को मेरठ में सुनवाई करने वाला है। इन सभी बैठकों में सुनवाई के दौरान संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे। उधर संघर्ष समिति के आह्वान पर गुरुवार को लगातार 218 वें दिन बिजली कर्मियों का प्रदर्शन  जारी रहा। प्रदर्शनकारियों में इं सी पी सिंह (सेवानिवृत), इं कृष्णा साराश्वत, इं निखिल कुमार, इं  गुरुदेव सिंह, रविंद्र कुमार, प्रेम पाल सिंह, अश्वनी कुमार, कपिल देव गौतम और जितेन्द्र कुमार मुख्य रूप से मौजूद रहे

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