कृषि प्रणाली संस्थान में कृषक-वैज्ञानिक परिचर्चा का आयोजन
मोदीपुरम। भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान में शुक्रवार को अनुसूचित जाति उप योजना के अंतर्गत एक किसान गोष्ठी का आयोजित की गई। जिसमें मेरठ जिले के गोद लिए गये 5 गांवों के 75 किसानों ने भाग लिया।
संस्थान के निदेशक डॉ. सुनील कुमार ने अनुसूचित जाति वर्ग के उत्थान के लिए भारत सरकार के प्रयासों के बारे में बताया। साथ ही बताया कि छोटी जोत वाले किसान समेकित कृषि प्रणाली अपनाकर कैसे अपनी आय बढ़ा सकते हैं। परियोजना के प्रमुख अन्वेषक डॉ. फूलचंद जाट ने परियोजना के बारे में साथ ही जानकारी दी कि किसान एकीकृत कृषि प्रणाली अपनाकर कैसे पोषण सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। परियोजना टीम के अन्य सदस्य डॉ. चंद्रभानु ने कीट एवं रोग प्रबंधन, डॉ. पूनम कश्यप ने सब्जी उत्पादन की उन्नत तकनीक, डॉ.अमृतलाल मीणा ने मर्दा परीक्षण एवं मृदा स्वास्थ्य, डॉ.रघुवीर सिंह ने चारा उत्पादन एवं फसल विविधिकरण तथा डॉ. प्रकाश चंद घाशल ने जैविक खेती के बारे में किसानो को विस्तृत जानकारी दी। किसानों ने संस्थान के अनुसंधान फॉर्म का भ्रमण किया तथा छोटी जोत के किसानों के लिए संस्थान द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सहराना की। कार्यक्रम के अंत में सभी किसानो को उत्पादन बढ़ाने के लिए निविष्ट सामग्री जैसे की सब्जियों के बीज-किट, मिनरल मिक्सर, कैलशियम सप्लीमेंट, पशुओं के लिए डिवर्मिंग टेबलेट, रबर मैट, बाल्टी एवं डॉली इत्यादि दी गई।
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