भारत -पाक तनाव
मेरठ समेत प्रदेश के 25 जिलों में आज होगी मॅाक ड्रिल
मेरठ ।पहलगाम में आतंकी घटना के बाद भारत पाक से बने तनाव को देखते हुए 1971 की तरह मेरठ समेत देश के 244 जिलो में मॉक ड्रिक का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए सभी तैयारी कर ली गयी है। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को युद्ध या किसी अन्य हमले की स्थिति में खुद को बचाने के लिए प्रशिक्षित करना है।
मेरठ में युद्ध जैसी स्थिति से निपटने के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। मंगलवार को अधिकारियों ने कोतवाली और घंटाघर पर लगे सायरन का परीक्षण किया। घंटाघर टाउन हॉल में सिविल डिफेंस के पदाधिकारियों की बैठक में बुधवार की मॉक ड्रिल की योजना पर विचार-विमर्श किया गया।
विकास भवन सभागार में जिलाधिकारी डा. वी.के सिंह की अध्यक्षता में 7 मई को नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल के आयोजन की तैयारी हेतु बैठक की गई। बैठक में अपर जिलाधिकारी नगर द्वारा सिविल डिफेन्स, स्काउट, एनसीसी, एनएसएस, विद्युत विभाग आदि से तैयारियो के संबंध में जानकारी प्राप्त की गई। उन्होने एयर स्ट्राइक के समय सायरन के चार साइन, रेडियो कम्यूनिकेशन, कंट्रोल रूम के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। जिलाधिकारी द्वारा कल की जाने वाली मॉक ड्रिल की तैयारी के संबंध में सीएमओ, अग्निशमन विभाग, संबंधित पुलिस क्षेत्राधिकारी व मजिस्ट्रेट को टीम बनाने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि समस्त टीमों के लिए कार्यस्थल सुनिश्चित कर दिये जाये।
असिस्टेंट कमिश्नर उद्योग को महत्वपूर्ण फैक्ट्रियों में सिक्योरिटी के लिए प्लान बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने ब्लॉकवार व्हाट्स ऐप ग्रुप बनाने के निर्देश दिये जिसमें लोकल सीएचसी, पीएचसी, ग्राम प्रधान, पुलिस अधिकारी शामिल हों तथा उसमें ट्रेनिंग के लिए एक वार्डन को भी जोड़ा जाये। उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल का उद्देश्य समस्त नागरिकों को जागरूक करना है। सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए तहसील, ब्लॉक व जिला स्तर पर व्हाट्स ऐप ग्रुप बनाने के निर्देश दिये गये। उन्होंने बताया कि शहर में सेंट जोसेफ स्कूल तथा अन्य स्कूल/कालेज में मॉकड्रिल का आयोजन किया जायेगा।
एसएसपी विपिन ताडा ने कहा कि आपातकाल के समय खुले में न रहे, निकटतम सुरक्षित स्थान पर छुप जाएं, घर में टेबिल/बेड या मजबूत फर्नीचर के नीचे छुप जाएं, यदि रास्ते में हो तो गाडी साइड में खडी कर निकटतम सुरक्षित स्थान पर छुप जाएं। अफवाहो पर ध्यान न दें। ऐसे समय में भगदड की स्थिति न बनने दें। इस अवसर पर सीडीओ नूपुर गोयल, अपर जिलाधिकारी प्रशासन बलराम, अपर जिलाधिकारी नगर बृजेश सिंह, अपर जिलाधिकारी वित्त सूर्य कान्त त्रिपाठी, अपर जिलाधिकारी भूमि अध्यापति राजपाल सिंह, एसपी ट्रैफिक राघवेन्द्र मिश्रा, एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह, सीएमओ डा0्र. अशोक कटारिया, समस्त एसडीएम, पीडी डीआरडीए सुनील कुमार सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी रेनू श्रीवास्तव, बीएसए आशा चौधरी सहित अन्य संबंधित पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।
अधिकारी युद्ध के दौरान नागरिक सुरक्षा के लिए उपलब्ध संसाधनों की जांच कर रहे हैं। सिविल डिफेंस के पदाधिकारियों को हर समय सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है। साथ ही उन्हें आम जनता को जागरूक करने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। डीएम बुधवार की मॉक ड्रिल के दौरान सभी विभागों के बीच समन्वय और तैयारियों की समीक्षा करेंगे।
एडीएम अमित कुमार ने बताया मॉ़क ड्रिल के पूरी तैयारी कर ली गयी है। सिविल डिफेंस के वार्डनों को दिशा निर्देश दिए गये है। इस मॉक ड्रिल में जिला अधिकारी, स्थानीय प्रशासन के अधिकारी, सिविल डिफेंस वार्डन, पुलिसकर्मी, होम गार्ड्स, कॉलेज और स्कूल के छात्र, नेशनल कैडेट कॉर्प्स ,नेशनल सर्विस स्कीम और नेहरू युवा केंद्र संगठन के सदस्य शामिल होंगे।
सात बजे बजेंगे सायरन
मॉक ड्रिल को लेकर मंगलवार को शहर विभिन्न स्थानों पर लगे सायरनों को चेक् किया गया। अधिकतर ठीक मिले। ये ये सायरन मुख्य रूप से सरकारी भवनों, प्रशासनिक कार्यालयों, पुलिस मुख्यालयों, फायर स्टेशनों, सैन्य ठिकानों, शहर के बड़े बाजारों और भीड़भाड़ वाली अन्य जगहों पर लगाए जाएंगे। शाम को सात बजे एक साथ सभी सायरन बजेंगे।
क्यों बजते हैं जंग वाले सायरन?
जंग के सायरन किसी भी आपदा या आपातकालीन स्थिति में लोगों को सतर्क करने के लिए बजाए जाते हैं। यह एक तेज आवाज वाला चेतावनी प्रणाली है, जिसकी आवाज काफी तीव्र होती है। इन सायरनों की आवाज 2 से 5 किलोमीटर की दूरी तक सुनाई दे सकती है और यह 120-140 डेसिबल तक की ध्वनि उत्पन्न करते हैं। इनकी आवाज में एक खास लय होती है - यह धीरे-धीरे तेज होती है और फिर धीरे-धीरे कम होती है।
सायरन बजने पर क्या करें?
मॉक ड्रिल के दौरान या वास्तविक आपात स्थिति में सायरन बजने पर नागरिकों को निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:
तुरंत सुरक्षित स्थानों की ओर जाएं।
5 से 10 मिनट के भीतर सुरक्षित स्थान पर पहुंचने का प्रयास करें।
सायरन बजने के दौरान घबराएं नहीं।
खुले क्षेत्रों से तुरंत हट जाएं।
घरों और अन्य सुरक्षित इमारतों के अंदर चले जाएं।
टीवी, रेडियो और सरकारी अलर्ट पर ध्यान दें।
किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें।
वेस्ट यूपी के इन जिलो में मॉक ड्रिल
मॉक ड्रिल देश के 244 चिन्हित जिलों में आयोजित की जाएगी। सरकार का लक्ष्य सिविल डिफेंस की तैयारियों को और मजबूत करना है। बता दें कि आखिरी बार भारत में इस तरह की आखिरी मॉक ड्रिल 1971 में हुई थी। मॉक ड्रिलमेरठ,इलाहाबाद,बरेली,गाजियाबाद,गोरखपुर,झांसी,कानपुर,लखनऊ,मथुरा,मुरादाबाद,सहारनपुर,वाराणसी,मुगलसराय,सरसा,बुलंदशहर,बागपत,मुजफ्फरनगर, आदि में आयोजित की जाएगी ।
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