अब वाइट रूफिंग की शर्त पर पास होगा कोठियों का नक्शा

गृह स्वामियों से वाइट रूफिंग  कराने का लिया जाएगा एफिडेविट 
 मेरठ।   मेरठ विकास प्राधिकरण पर्यावरण संरक्षण के लिए वाइट रूफिंग तकनीक को लागू करने जा रहा है। बड़े भूखंडों पर कोठियों के नक्शे पास करते समय गृह स्वामियों से वाइट रूफिंग कराने का एफिडेविट लिया जाएगा।
मेरठ विकास प्राधिकरण पर्यावरण संरक्षण के लिए बड़ी पहल करने जा रहा है। इसके तहत बड़े भूखंडों पर बनने वाली कोठियों की छत को गर्मियों में ठंडा रखने के लिए वाइट रूफिंग (सफेद छत) कराने की शर्त पर ही उनका मानचित्र पास किया जाएगा। अगर गृह स्वामी वाइट रूफिंग नहीं कराएगा तो उसकी एफडीआर रिलीज नहीं की जाएगी। 
16 अप्रैल को होने जा रही मेडा की बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई जाएगी। वाइट रूफिंग तकनीक से ने केवल इमारत का तापमान कम रहेगा बल्कि बिजली पर होने वाला खर्च भी कम होगा। मेरठ विकास प्राधिकरण बारिश के पानी के संरक्षण के लिए 300 वर्गमीटर और इससे बड़े भूखंडों में बनने वाली कोठियों के नक्शे स्वीकृत करते समय गृह स्वामी से रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित करने का शपथपत्र लेता है। उसके लिए एक निश्चित धनराशि की एफडीआर जमा कराई जाती है। घर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का सत्यापन होने के बाद ही जमा की गई एफडीआर रिलीज की जाती है। मेड़ा ने अब एक और कदम आगे बढ़ते हुए घर की छत पर वाइट रूफिंग कराने का प्रावधान लागू करने की तैयारी की है। घर का नक्शा पास कराते समय मकान मालिक को घर की छत को वाइट पेंट कराने का एफीडेविट देना होगा। साथ ही तय फीस की एफडीआर जमा करानी होगी।

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