‘सामाजिक समरसता से राष्ट्र का विकास’ विषय पर एकदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी 

-जाति, धर्म, वर्ण, वर्ग, भाषा, संस्कृति, रुढ़िवादी परम्पराओं से ऊपर उठकर ‘राष्ट्रीय एकीकरण’ द्वारा ही विकसित भारत का सपना होगा सच- हुकुमदेव नारायण (पदमभूषण), विख्यात समाजशास्त्री पूर्व केंद्रीय कपड़ा, खाद्य प्रसंस्करण, भूतल परिवहन एवं केंद्रीय कृषि मंत्री 

-सामजिक समरसता से भाईचारा, प्रेम एवं आपसी सदभाव बढ़ने से राष्ट्रीय एकता होगी मजबूत- श्री सुधीर गिरि संस्थापक अध्यक्ष 

-जातिवाद, क्षेत्रवाद, धर्म, सम्प्रदाय की सीमाओं से ऊपर उठकर कमजोर एवं अन्तिम पायदान पर खड़े लोगों की मदद करने से होगा ‘अखण्ड भारत’ का निर्माण- डा. राजीव त्यागी प्रतिकुलाधिपति 

मेरठ। मंंगलवार को  राष्ट्रीय राजमार्ग बाईपास स्थित  वेंकेटेश्वरा विश्वविद्यालय / संस्थान में ‘सामाजिक समता से राष्ट्र विकास’ विषय पर एकदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शानदार आयोजन किया गया | इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग करते हुए देश के जाने-माने समाजशास्त्री, सर्वश्रेष्ठ पार्लियामेंट्री सम्मान एवं भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पदमभूषण से विभूषित पूर्व केंद्रीय कपड़ा, खाद्य प्रसंस्करण, भूतल परिवहन एवं कृषि मंत्री भारत सरकार श्री हुकुमदेव  नारायण जी ने कहा कि जाति, धर्म, वर्ण, भाषा संस्कृति एवं रुढ़िवादी परम्पराओं से ऊपर उठकर सामाजिक सौहार्द के साथ निःस्वार्थ रूप से देश एवं मानवता के लिए त्याग करने से ही विकसित भारत एवं अखण्ड भारत का सपना साकार होगा ।



संस्थान के  लोकनायक जयप्रकाश नारायण सभागार में ‘सामाजिक समरसता से राष्ट्र विकास’ विषय पर आयोजित एकदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारम्भ संस्थापक अध्यक्ष श्री सुधीर गिरि, मुख्य अतिथि (पदमभूषण) पूर्व केंद्रीय मंत्री भारत सरकार श्री हुकुमदेव  नारायण, प्रतिकुलाधिपति डा. राजीव त्यागी, कुलपति प्रो. कृष्णकान्त दवे, कुलसचिव  प्रो. पीयूष पांडेय, डा. मधु चतुर्वेदी कार्यक्रम संयोजक प्रो. (डा.) टी.पी. सिंह आदि ने सरस्वती माँ की प्रतिमा के सन्मुख दीप प्रज्ज्वलित करके किया।



‘सामाजिक समरसता से राष्ट्र विकास’ विषय पर आयोजित एकदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि विख्यात समाजशास्त्री पदमभूषण पूर्व केंद्रीय मंत्री भारत सरकार श्री हुकुमदेव नारायण ने कहा कि अगर सही मायनों में हम अखण्ड, अक्षुण्ण, विकसित राष्ट्र के सपने को साकार होते देखना चाहते है तो प्रत्येक देशवासी को जाति, धर्म, वर्ण, सम्प्रदाय, भाषा. संस्कृति एवं रुढ़िवादी परम्पराओं से ऊपर उठकर निःस्वार्थ एवं निष्पक्ष रूप से देश के अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की मदद करके उसे राष्ट्र विकास की मुख्य धारा से जोड़ना होगा | राष्ट्र विकास की इस ‘दिव्ययात्रा’ के ‘महायज्ञ’ में सभी को अपना प्रभावी योगदान देकर हमे ‘अखण्ड भारत’ के  निर्माण में अपनी भूमिका सुनिश्चित करनी होगी| 

एकदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी को प्रतिकुलाधिपति डा. राजीव त्यागी, कुलपति प्रो. कृष्णकान्त दवे, कुलसचिव प्रो. पीयूष पांडेय, विख्यात साहित्यकार महाकवियित्री डा. मधु चतुर्वेदी आदि लोगों ने सम्बोधित किया | इस अवसर पर डीन अकेडमिक डा. राजेश सिंह, डा. एस.एन. साहू, डा. एल.एस.रावत, डा. योगेश्वर शर्मा, डा. विश्वनाथ झा, प्रो. (डा.) एना एरिक ब्राउन, प्रो. (डा.) मंजरी राणा, प्रो. (डा.) सहर्ष वाल्टर, प्रो. (डा.) मनीष कुमार शर्मा, डा. स्नेहलता गोस्वामी, डा. राजवर्धन, डा. आशुतोष सिंह, डा. ओम प्रकाश गोसाई, डा. राहुल कुमार, डा. अश्विन कुमार सक्सेना, डा. सतीश गुप्ता, डा. दुर्गेश त्रिपाठी, डा. सी.पी.सिंह, डा. बृजकिशोर, डा. अभिषेक, डा. चन्द्रकान्त, डा. आकाश, डा. प्रवीन कुमार, संजीव कुमार, अनुषा कर्णवाल, स्मिता चंद्रा, हुमा कौशर, पूजा एरी, नीमा बिष्ट, सुमनदीप कौर, हरप्रीत कौर, हिमानी गरजौला, हिमानी चौहान, पूजा कुमारी, अखिल कुमार, अविनाश कुमार, तहसीर आलम, जुबैर आलम, शुऐब रज़ा, माता प्रसाद, कौशल कुमार, गुरुवचन, अभिषेक राणा, मनोज, सचिन, विकास पांडेय, विश्वंभर चौहान एवं मेरठ परिसर से निदेशक डा. प्रताप सिंह एवं मीडिया प्रभारी विश्वास राणा आदि लोग उपस्थित रहे |  कार्यक्रम का संचालन डा. ज्योति सिंह ने किया |

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