बलगम व एक्सरे के साथ अब इंजेक्शन से भी होगी टीबी की जांच

चिकित्सालय परिसर में होगा सीवाई टीबी टेस्ट, उच्च जोखिम वाले मरीज होंगे लाभान्वित

मेरठ।  राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत मेरठ  जनपद में टीबी के उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों की पहचान के लिए अब सीवाई टीबी टेस्टिंग की शुरुआत की जा रही है। यह टेस्ट इंजेक्शन के माध्यम से किया जाएगा और फिलहाल इसे सिर्फ चिकित्सालय परिसर में ही लागू किया जाएगा। सीवाई टीबी जांच के बाद संक्रमण की पुष्टि होने पर टीबी प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट (टीपीटी) की व्यवस्था की गई है।



मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अशोक कटारिया   ने जानकारी देते हुए बताया कि टीबी की वार्षिक इंसीडेंस दर में वर्तमान में 2.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की जा रही है, जिसे बढ़ाकर 10 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य है। इसके लिए नई जांच तकनीक को अपनाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यह टेस्ट विशेष रूप से सिलिकोसिस, डायलिसिस, कीमोथेरेपी, एंटी-टीएनएफ उपचार, स्टेरॉइड, ऑर्गन ट्रांसप्लांट, मधुमेह, कुपोषण (BMI <18.5), धूम्रपान व मदिरापान करने वाले उच्च जोखिम समूह के लोगों पर किया जाएगा।समय रहते जांच और उपचार की सुविधा से जिले को टीबी मुक्त बनाने की दिशा में यह एक अहम कदम माना जा रहा है।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. गुलशन राय ने  बताया कि  सीवाई टीबी की  डोज शासन द्वारा एलॉट की गई हैं।इनका उपयोग चिकित्सालय परिसर में आने वाले उच्च जोखिम समूह के व्यक्तियों की जांच हेतु किया जाएगा।

डीटीओ डॉ. राय ने बताया कि यह टेस्ट 0.1 मिली सीवाई टीबी इंजेक्शन को बाएं फोर-आर्म पर इंट्राडर्मल तरीके से लगाया जाएगा। 48 से 72 घंटे के अंदर चिकित्सा अधिकारी द्वारा इंड्यूरेशन की जांच की जाएगी। यदि इंड्यूरेशन 5 मिमी से कम है तो उसे नकारात्मक मानते हुए निःक्षय पोर्टल पर इनरोलमेंट किया जाएगा, लेकिन टीपीटी नहीं दी जाएगी। यदि इंड्यूरेशन 5 मिमी या उससे अधिक पाई जाती है, तो उसे संक्रमित माना जाएगा और एक्टिव टीबी की जांच की जाएगी।

यदि एक्टिव टीबी नहीं पाई जाती है, तो उस व्यक्ति को टीपीटी (03 एचपी/06 एच) अवश्य दी जाएगी। पात्र लाभार्थियों को निःक्षय पोर्टल से ट्रीटमेंट सपोर्टर से जोड़ा जाएगा और कोर्स पूर्ण होने पर प्रति लाभार्थी 250 रुपये की प्रोत्साहन राशि ट्रीटमेंट सपोर्टर को दी जाएगी।

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