मुर्शिदाबाद हिंसा
“बंगाल को बांग्लादेश समझना बंद करें, हिंदुओं पर हो रहे जुल्म पर केंद्र ले संज्ञान”- आचार्य प्रमोद कृष्णम
संभल। कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई सांप्रदायिक हिंसा पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से अपील की है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और हिंसा की गंभीरता को देखते हुए आवश्यक कार्रवाई करें।
आचार्य प्रमोद ने कहा कि मुर्शिदाबाद में जो कुछ भी हो रहा है, वह न केवल दुखद है, बल्कि देश की एकता और धार्मिक सौहार्द के लिए भी गंभीर खतरा है। उन्होंने कहा कि यह समय किसी पर आरोप लगाने का नहीं, बल्कि सनातन धर्म और इसकी परंपराओं की रक्षा का है। पश्चिम बंगाल और मुर्शिदाबाद भारत का हिस्सा हैं, लेकिन वहां जिस तरह हिंदुओं के घर जलाए जा रहे हैं, वह बेहद चिंता का विषय है। कुछ लोग ऐसा व्यवहार कर रहे हैं जैसे बंगाल भारत का नहीं, बल्कि ‘बांग्लादेश’ हो गया हो।”
आचार्य ने ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार की निष्क्रियता के चलते हालात बिगड़े हैं। यह समझना बंद करना होगा कि बंगाल कोई अलग देश है। देश में अगर हिंदुओं के साथ ऐसा अन्याय होगा, तो फिर कौन सुरक्षित रहेगा?”
उन्होंने आगे कहा कि राजनीतिक दलों की चुप्पी भी उतनी ही चिंताजनक है। बंगाल में हो रही हिंसा पर किसी भी प्रमुख राजनीतिक दल की प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। न कोई प्रदर्शन हो रहा है, न ही कोई आवाज उठा रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।”
आचार्य प्रमोद ने कहा कि यह वही बंगाल है, जिसने रवींद्रनाथ टैगोर, सुभाष चंद्र बोस और स्वामी विवेकानंद जैसे महापुरुषों को जन्म दिया है। कहा कि लेकिन आज वहां जो हो रहा है, वह लोकतंत्र नहीं, बल्कि तालिबानी मानसिकता जैसा है। ऐसा दृश्य पाकिस्तान या बांग्लादेश में देखने को मिलता है, न कि हिंदुस्तान में। इस पर जल्द से जल्द ठोस निर्णय लिया जाना चाहिए।”
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर कांग्रेस पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है कि रॉबर्ट वाड्रा को न्याय मिलेगा। लेकिन कांग्रेस पार्टी ने उनके साथ अन्याय किया है, उन्हें बार-बार अपमानित किया है। देश में कानून, संविधान, संसद और सुप्रीम कोर्ट है – और यही उम्मीद की किरण है।”
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