तीस करोड़ महाकुंभ में कमाने वाला पिंटू महरा नाविंकों का नायक या खलनायक !
पुलिस की फाइल में एक दर्जन से अधिक मुकदमें दर्ज
प्रयागराज । प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा सत्र में जिस नाविक परिवार की तारीफ तारीफ कर डाली। अब उसी नाविक परिवार पर गंगा में नाव चलाने के जबरन धन वसूलने के आरोप लगने लगे है पिंटू के । खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास और रंगदारी सहित कई गंभीर मामलों में एक दर्जन से अधिक केस दर्ज है। ये बात हम नहीं कर रहे बल्कि प्रयागराज के थाने की फाइलो में दर्ज मुकदमे गवाही दे रहे है।
विधान सभा सत्र के दौरान प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक नाविक परिवार के बारे में जानकारी देते हुए बताया था कि एक नाविक परिवार ने प्रयागराज में चले 45 दिन महाकुंभ के दौरान तीस करोड़ रूपये कमाए है। तभी यह वह नाविक परिवार सुर्खियों में आ गया। मीडिया का जमावड़ा संगम के तट निकट अरैल स्थित महरा परिवार के जमा हो गया। जिसका मुखिया पिंटू महरा है। जैसे-जैसे पड़ताल आगे बढ़ी तो पूरी पिक्चर ही बदल गई. नैनी पुलिस स्टेशन की डायरी में पिंटू महरा पर एक दर्जन से अधिक आपराधिक मामले दर्ज पाए गए। इसमें हत्या, हत्या के प्रयास और रंगदारी जैसे संगीन मामले भी थे।
पिंटू महरा प्रयागराज के जिस इलाके से आता है, वह दो दशक पहले अपराध का अड्डा रहा है। यमुना के किनारे बालू के ठेके और मिट्टी खोदने के कारोबार की दबंगई में होने वाले अपराध की वजह से यहां कोई रहने के लिए जमीन तक नहीं लेना चाहता था। यह वह दौर था, जब महरा परिवार और अतीक अहमद के करीबी पप्पू गंजिया के बीच वर्चस्व की जंग चल रही थी।इलाके के हिस्ट्रीशीटर बच्चा महरा के बेटों और पप्पू गंजिया के बीच खूनी अदावत का खेल खेला जा रहा था। उसी दौरान बच्चा महरा के 23 साल के बेटे पिंटू महरा ने 2005 में जुर्म और जरायम की दुनिया में एंट्री की। इसके बाद तो पिंटू ने मुड़कर नहीं देखा। उसके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास और रंगदारी सहित कई गंभीर मामलों में एक दर्जन से अधिक केस दर्ज हैं।
एक बार जुर्म की दुनिया में कदम रखने के बाद पिंटू के आपराधिक मामलों की फाइल मोटी होती गई। उसके खिलाफ साल 2010 और 2016 में गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई और साल 2013 और 2015 में गुंडा एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ. वह जेल भी जा चुका है।अभी कुछ दिनों पहले ही वह जेल से जमानत से बाहर आया, लेकिन बाहर आने पर महाकुंभ में भी उसने अपना रास्ता नहीं बदला। महाकुंभ मेले के दौरान पिंटू महरा पर नाविकों से रंगदारी मांगने और मारपीट करने का आरोप लगा. आरोप लगा कि उसने नाव चलाने के लिए जबरन पैसा वसूलने की धमकी दी और विरोध करने पर हमला किया।
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