डीआईजी ने किया पुलिस की विभन्न यूनिटों का किया औचक निरीक्षण 

 विवेचनाओं के  गुणवत्तापूर्ण   निस्तारण करने के दिए निर्देश 

 बेहतर कार्य करने वाले पुलिस कर्मियों को किया सम्मानित 

 मेरठ। मंगलवार को डीआईजी कलानिधि नैथानी ने वार्षिक  साईबर थाना, अपराध शाखा, डीसीआरबी, नाफिस सेल, फील्ड यूनिट, डॉग स्कवाड व स्वाट/ सर्विलांस  का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने जनपदीय अपराध शाखा व साईबर थाना की विवेचनाओं का अर्दली रुम कर विवेचनाओ के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण हेतु निर्देश दिये गये। डीआईजी ने अधीक्षक अपराध भवन का वॉकथ्रू कर निरीक्षण किया ।निरीक्षण के दौरान उपस्थित अधिकारी/ कर्मचारीगण को निम्नांकित निर्देश दिये गये । इस मौके पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक  डॉ. विपिन टाडा, पुलिस अधीक्षक नगर आयुष विक्रम सिंह, सहायक पुलिस अधीक्षक  अन्तरिक्ष जैन सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे। 

डीआईजी मेरठ रेंज कलानिधि नैथानी  ने इस दाैरान शिवरात्रि, होली और ईद पर रहे व्यापक पुलिस प्रबन्ध  करने के निर्देश दिये।पुराने विवादों को सूचीबद्ध कर निरोधात्मक कार्रवाई  करें । गत माह किठौर थाना क्षेत्र में गोली कांड में प्रभावी कार्रवाई न करने और असलाह जब्त न करने पर क्षेत्राधिकारी एवं प्रभारी का स्पष्टीकरण तलब किया। डीआईजी ने  गोली कांडों पर जीरो टॉलरेंस की नीति से हो कडा प्रहार के निर्देश दिये। कम्प्यूटर ऑपरेटर सोनू शर्मा थाना सदर बाजार, कम्प्यूटर ऑपरेटर मनोज कुमार थाना रेलवे रोड, कम्प्यूटर ऑपरेटर अजय प्रताप थाना टीपी नगर को सीसीटीएनएस सम्बन्धित कार्य एवं मुख्य आरक्षी 1422 ललित कुमार थाना गंगानगर को ई-सम्मन शत्-प्रतिशत तामील एवं कां0 अतुल शर्मा साईबर सैल को समन्वय पोर्टल पर शत्-प्रतिशत फीडिंग एवं अच्छी जानकारी होने पर पुरस्कृत किया गया। निरीक्षण के दौरान कहा कि  किसी भी दशा में थानो पर प्राइवेट कपडो पर एसओजी न रहे। पुरस्कार घोषित/ मफरूर की सूची बनाकर स्वॉट व सर्विलांस टीम को दें, जिस पर टीम काम करे। एसपी सिटी व एसपी ग्रामीण अपने अपने सर्किल का रजिस्टर बना लें, जिसमें खोये हुए मोबाईल/ छीने हुए मोबाईल/ लूटे हुए मोबाईल की आईएमईआई रखें।साईबर थाना एवं अपराध शाखा में लंबित विवेचनाओ का गुणवत्तापूर्ण साक्ष्य संकलन एवं नये आपराधिक कानून के अन्तर्गत नियमानुसार साक्ष्यों को सम्मिलित करते हुए समय से निस्तारण करें।लंबित विवेचनाओ के संबंध में क्षेत्राधिकारी अपराध द्वारा 15 दिवस में व पुलिस अधीक्षक अपराध द्वारा 01 माह में अर्दली रूम किया जाए।विवेचनाओं की गुणवत्ता हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्वयं भी माह में एक बार अर्दली रुम करें । साईबर सम्बन्धी अपराध की शिकायत प्राप्त होने पर त्वरित संज्ञान लेते हुए खाता फ्रीज/होल्ड की कार्यवाही कराकर धनराशि पीडित को वापस करायी जाए।अपराध कारित होने पर डॉग स्क्वाड, फील्ड यूनिट तत्काल घटनास्थल पर पहुँचकर साक्ष्य संकलन की कार्यवाही करें। 7 साल से अधिक सजा के प्रत्येक प्रकरण में अवश्य जाये। यूपी-112 / कन्ट्रोल रूम से समन्वय रखें, केवल थानो पर ही निर्भर न रहे। डीसीआरबी द्वारा गैंग पंजीकरण की कार्यवाही समय से की जाये।स्वॉट/ सर्विलांस टीम को और अधिक सक्रिय रखा जाये।पाससपोर्ट वेरीफिकेशन थाने पर बैठकर न किये जाए, सम्बन्धित उ.नि. द्वारा आवेदक के घर जाकर वेरीफिकेशन किया जाए।गुमशुदाओं की तलाश हेतु ऑपरेशन खुशी चलाकर कम से कम समय में बरामदगी हेतु सार्थक प्रयास किए जाए ।  सीसीटीएनएस से प्राप्त ऑनलाईन आवेदन सेवाएं 03 दिवस की समय सीमा में पूर्ण करें।एमवी एक्ट में सीज वाहन, जो दावा रहित है, उनका मिलान लुटे व चोरी हुए वाहनों से कराये ।पुलिस कैन्टीन मे खाने की गुणवत्ता व साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए ।परिक्षेत्रीय स्तर पर चलाये जा रहे “ऑपरेशन विवेचना”, “ऑपरेशन पहचान” एवं “आपरेशन शस्त्र” के अन्तर्गत कार्यवाही में तेजी लाएं।

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