कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय कर्मयोगी सेवा-भाव ट्रेनिंग का हुआ आयोजन
मेरठ। कैपेसिटी बिल्डिंग के माध्यम से गवर्नेंस को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय ने कैपेसिटी बिल्डिंग कमीशन के राष्ट्रीय कर्मयोगी सेवा-भाव कार्यक्रम के तहत आज सफलतापूर्वक एक ट्रेनिंग सेशन आयोजित किया। यह पहल सरकार के व्यापक मिशन कर्मयोगी फ्रेमवर्क का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य सरकारी अधिकारियों के बीच सेवा, जवाबदेही और सहयोग की गहरी भावना पैदा करके सार्वजनिक सेवा की प्रभावशीलता और जवाबदेही को बढ़ाना है।
सेशन के दौरान कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के सचिव अतुल कुमार तिवारी ने कहा, स्किलिंग केवल व्यक्तियों के बारे में नहीं है, यह संस्थानों को सशक्त बनाने, गवर्नेंस को मजबूत करने और यह सुनिश्चित करने के बारे में है कि हम जो भी निर्णय लेते हैं, वह राष्ट्रीय विकास के बड़े लक्ष्य के अनुरूप हो। इस सेशन ने सक्रिय नेतृत्व और गवर्नेंस को उद्देश्य-संचालित, जन-प्रथम मिशन में बदलने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि की है। मैं मिशन कर्मयोगी के उनके विज़न के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करता हूँ, जो सिविल सेवाओं का आधुनिकीकरण कर रहा है और भारत को विकसित भारत 2047 की ओर ले जाने के लिए अधिकारियों को सही माइंडसेट और कौशल से लैस कर रहा है। नेशनल कर्मयोगी सेवा-भाव प्रोग्राम को एक बड़े पैमाने पर इंटरवेंशन के रूप में डिज़ाइन किया गया है, जो केवल कौशल प्रदान करने के बजाय माइंडसेट को आकार देने पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों के बीच सेवा-भाव की भावना को मजबूत करना है, यह सुनिश्चित करना है कि उनकी रोजमर्रा की जिम्मेदारियाँ नागरिक कल्याण के बड़े लक्ष्य के साथ जुड़ी हुई हैं। इस पहल के चरण के तहत प्रीतम दत्ता (डायरेक्टर, एमएसडीई) को सीबीसी द्वारा मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया गया था। कौशल भवन नई दिल्ली में आज आयोजित ट्रेनिंग सेशन उनके नेतृत्व में मंत्रालय भर में नामांकित अधिकारियों के लिए आयोजित किया गया था।
एक स्ट्रक्चर्ड और इंटरैक्टिव फॉर्मेट के माध्यम से सेशन में प्रतिभागियों को चिंतनशील चर्चाओं, अनुभव-साझाकरण और समस्या-समाधान अभ्यासों में शामिल किया गया। प्रशिक्षण को चार मॉड्यूलों में स्ट्रक्चर्ड किया गया था, प्रत्येक सेशन 1.5 घंटे तक चला और गवर्नेंस के लिए एक सहयोगात्मक अप्रोच पर जोर दिया गया। अधिकारियों के सामने आने वाली वास्तविक दुनिया की चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करके, इस कार्यक्रम ने प्रतिभागियों को ऐसे समाधान विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया, जो पब्लिक सर्विस डिलिवरी को बढ़ाते हैं, इंटर डिपार्टमेंटल कॉर्डिनेशन में सुधार करते हैं और नागरिक जुड़ाव को मजबूत करते हैं। सफल सेशन के साथ मंत्रालय ने इस पहल के तहत निरंतर सहभागिता के लिए मंच तैयार कर दिया है। जैसे-जैसे यह कार्यक्रम आने वाले महीनों में शुरू होगा, उम्मीद है कि इससे सरकारी अधिकारियों के अपनी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को समझने के तरीके में सार्थक बदलाव आएगा, जिससे अंततः अधिक प्रभावी, पारदर्शी और जवाबदेह गवर्नेंस मिलेगा।
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