पति की हत्यारन मुस्कान जेल में सीखेगी सिलाई आशिक उगाएगा सब्जी 

जेल मैन्यूअल के हिसाब से दोनो को अलाट हुए कार्य 

मेरठ। चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में पति की हत्या मेंबंद मुस्कान व उसके आशिक को जेल प्रशासन उनके काम बांट दिए है मुस्कान सिलाई सीखेगी तो आशिक सब्जी उगाएंगा । दोनों को बकायदा ट्रेनिंग दी जाएगी। 

जिला जेल मेरठ के वरिष्ठ जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने कहा- 10 दिन पूरे होने के बाद बंदी को काम अलॉट किया जाता है। 1 अप्रैल से दोनों अपने-अपने इंट्रेस्ट के हिसाब से जेल के अंदर काम करना शुरू कर देंगे। यही नियम भी है।अधीक्षक ने बताया- जेल में बंदियों को 3 तरह के काम दिए जाते हैं। पहला- स्किल्ड, दूसरा- नॉन स्किल्ड और तीसरा- ट्रेनिंग। साहिल एक नॉन स्किल्ड वर्कर है। उसने सब्जी उगाने का काम मांगा है। उसको काम सिखाया जाएगा। इसलिए उसको 50 रुपए रोज के हिसाब से मेहनताना दिया जाएगा।

जब वह खेत पर जाएगा, तभी पता चलेगा कि किसानी कर भी सकता है या नहीं। अगर वो खेती नहीं कर पाएगा, तो उसे कुछ और काम दिया जाएगा। या फिर किसी और काम की ट्रेनिंग दी जाएगी। वहीं, मुस्कान ट्रेनिंग चुनी है। इसके लिए जेल मैन्युअल में सैलरी देने की व्यवस्था नहीं है। जब वह काम सीख जाएगी और कपड़े सिलने लगेगी, तब उसको सैलरी दी जा सकती है।

10 दिन का वक्त पूरा होने के बाद बंदी को बैरक अलॉट होती हैं। साहिल और मुस्कान ने शनिवार को एक बार फिर कहा कि हमें एक साथ एक बैरक में रखा जाए। दोनों ने कहा कि हमने शिमला के मंदिर में शादी की है। इसलिए हम पति-पत्नी हैं। लेकिन, जेल प्रशासन उनकी बातों से इत्तफाक नहीं रख रहा है। दोनों को अलग-अलग बैरकें दी हैं।

साहिल को 18A नंबर की बैरक में 60 बंदियों के साथ रखा गया है। वहीं मुस्कान को भी नया बैरक 12B अलॉट हुआ है। इस बैरक में वह 30 महिला बंदियों के साथ रहेगी। यहां जेल प्रशासन दोनों की सुरक्षा को लेकर अलर्ट है। बंदियों को साहिल और मुस्कान से कम बातचीत करने के लिए कहा गया है।


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