सोशल मीडिया और सेल्फी की चाह में मौत से खेल रहे युवा
आए दिन सामने आ रही दिल दहलाने वाली घटनाएं
राजीव त्यागी
सोशल मीडिया के इस दौर में सेल्फी लेने का चलन बेतहाशा बढ़ रहा है खासकर युवा एक दिन में कई कई बार सेल्फी लेते हैं और उसे शोषण मीडिया के अलग-अलग मंचों पर साझा करते हैं उच्च गुणवता के कैमरे से लैस मोबाइल फोन अब मौत का सबब बन रहे हैं अच्छी तस्वीर लेने की लत कब बेलगाम भोग में तब्दील होती गई इसका एहसास तब हो रहा है जब सेल्फी लेते लोग खासकर युवाओं की जिंदगी दांव पर लगती दिखाई दे रही है पिछले कुछ समय से युवा पीढ़ी में इसका नशा इस कदर हावी होता जा रहा है कि वह अपनी फिक्र करना भी जरूरी नहीं समझ रहे हैं। कोई झील में डूब रहा है तो कोई पहाड़ से गिर रहा है कोई रेलगाड़ी की चपेट में आ रहा है तो कोई सड़क पर सेल्फी लेते हुए हादसे का शिकार बन रहे हैं।
सेल्फी के प्रति इतनी दीवानगी की वजह समझने की आवश्यकता है खुद की खास तस्वीर लेने के फेर में लोग अपनी जिंदगी को खतरे में डालने से नहीं इसके जा रहे हैं इसका अर्थ है कि वह ऐसी मानसिक अवस्था में है जो यथार्थ से काफी दूर है।
एक आकंलन के मुताबिक सेल्फी लेते हुए सबसे ज्यादा मोते भारत में हो रही हैं। इसकी वजह सिर्फ स्मृतियों को सजाने तक सीमित नहीं हो सकती दर्शन लोग दूसरों से अलग दिखना चाहते हैं मगर इस क्रम में अपनी जान गवा देने तक की लापरवाही भारत में को कैसा उचित माना जा सकता है।
मानसिक रोग विशेषज्ञ, डॉक्टर युवाओं से इस तरह के सेल्फी लेने से बचने की सलाह दे रहे हैं लेकिन युवा बातों को दरकिनार कर अपनी जान गंवा रहे हैं।





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