बहु ने बेटा मरवा दिया पुलिस बता रही हादसा 

पिता बोला मेरी गलती नहीं तो हत्यारों को सजा दो वरना किसी चौराहे पर मार लूंगा गोली 

लखनऊ।बेटे की मौत की निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती तो इच्छा मृत्यु की इजाजत दे दो। योगी जी से भीख मांग रहा हूं। अगर मेरे बेटे की मौत की जांच में, मैं दोषी पाया जाऊं तो मुझे सजा दे दो। लेकिन अगर मेरी गलती नहीं तो हत्यारों को सजा दो। नहीं तो मैं किसी चौराहे पर खुद को गोली मार लूंगा।यह कहना है मेरठ के रहने वाले सेना से रिटायर्ड वीरेंद्र सिंह मलिक का

। 60 साल की उम्र में जब लोग अपनी जिंदगी के सुकून भरे दिन जीते हैं। वीरेंद्र अपने जवान बेटे की रहस्यमयी मौत का सच जानना चाहते हैं। इसके लिए वे दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।उन्होंने कारगिल की लड़ाई लड़ी है, 5 मेडल हासिल कर चुके हैं, लेकिन आज वो टूट चुके हैं। उनका 32 साल का बेटा नीतीश मलिक 14 मई 2024 को संदिग्ध हालात में मारा गया। मेरठ पुलिस इसे हादसा मान रही है, लेकिन पिता को यकीन है कि यह हत्या है।

वीरेंद्र मलिक ने बताया- 14 मई 2024 को सुबह 7 बजे नीतीश घर से कह कर निकला कि वो ड्यूटी पर नोएडा जा रहा है। लेकिन कुछ घंटों बाद जब फोन किया, तो कॉल पुलिस ने उठाया और कहा- "आपके बेटे की लाश रेलवे ट्रैक के पास पड़ी है।उन्होंने बताया- मौके पर पहुंचा तो देखता हूं। रेलवे लाइन के पास नीतीश का शव पड़ा था। उसकी बुलेट बाइक, मोबाइल, स्मार्टवॉच, बैग और पर्स सब वहीं आस-पास बिखरे पड़े थे।वीरेंद्र मलिक ने बताया- पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद बेटे का शव तो सौंप दिया, लेकिन लेकिन मोटरसाइकिल, मोबाइल, स्मार्टवॉच और बाकी सामान आज तक नहीं दिया।वीरेंद्र ने आरोप लगाया- नितीश की पत्नी वैशाली के किसी अन्य व्यक्ति से पहले से अवैध संबंध थे। वैशाली और उसके भाई मिलकर नितीश को रास्ते से हटाना चाहते थे। ताकि उसकी संपत्ति पर कब्जा कर सकें।वीरेंद्र मलिक ने पुलिस से अपने बेटे की मौत की निष्पक्ष जांच की मांग की, लेकिन पुलिस ने इसे आत्महत्या का मामला बताते हुए हत्या की एफआईआर दर्ज नहीं की। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में साफ दिखा कि मौत से पहले नितीश के शरीर पर चोटों के निशान थे।वीरेंद्र मलिक ने थाना पिलखुआ, एसपी हापुड़ और अन्य उच्च अधिकारियों से कई बार शिकायत की, लेकिन दो महीने बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।वीरेंद्र सिंह मलिक ने बताया- पत्नी के साथ चार बार गोरखपुर में CM योगी के जनता दरबार में गया। लखनऊ में पुलिस हेडक्वार्टर और कई अधिकारियों से मिला, लेकिन आज तक सिर्फ आश्वासन मिला, न्याय नहीं।


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