माता प्रसाद बोले- सभी भाषाओं का सम्मान होना चाहिए
लखनऊ में कलाम ट्रस्ट ने भाषा पर संगोष्ठी का आयोजन
लखनऊ।लखनऊ में विक्रमादित्य मार्ग स्थित कलाम ट्रस्ट कार्यालय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया । जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे ने हिस्सा लिया। कलाम ट्रस्ट के अध्यक्ष अब्दुल नसीर नासिर की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में भाषाओं को लेकर चर्चा हुई । माता प्रसाद पांडे ने कहा कि भाषा संवाद का माध्यम है। भाषाओं को धर्म, जाति और सरहदों में नहीं बांधना चाहिए।
माता प्रसाद पांडे ने कहा कि छात्र जीवन में जब हम हिंदी और अंग्रेजी का ज्ञान अर्जित कर रहे थे उसी समय हमारे पिता ने हमें उर्दू भी सिखाई थी। उन्होंने कहा कि विधानसभा के अंदर और बाहर हमेशा बच्चों को मातृभाषा में शिक्षा दिलाए जाने का समर्थन किया है । अब नई शिक्षा नीति में भी मातृभाषा में शिक्षा देने की व्यवस्था की गई हैं। विधानसभा सत्र में सीएम योगी ने उर्दू भाषा को लेकर जिस प्रकार टिप्पणी किया वह अफसोसनाक है। हर भाषा की अपनी अलग खूबसूरती होती है जिसे बोलने और पढ़ने वाला ही महसूस कर सकता है।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए अब्दुल नासिर ने कहा कि भाषा कभी भी धर्म का हिस्सा नहीं होती । यह क्षेत्रीय लोगों पर निर्भर होती है। इन्होंने कहा कि पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में बांग्ला को बढ़ावा देने के लिए उर्दू का विरोध किया गया जिसके परिणाम अच्छे नहीं रहे। एक भाषा को बढ़ावा देने के लिए दूसरी भाषा का विरोध करना अच्छी बात नहीं है। उर्दू बेहद खूबसूरत जुबान है इसे अपने बच्चों को जरूर पढ़ाना चाहिए। हम लोग यही अपील करते हैं कि प्रत्येक भाषा और धर्म का सम्मान होना चाहिए तभी देश तरक्की करेगा।
No comments:
Post a Comment