मेरठ पुलिस ने अंतराज्यीय वाहन चोर गिरोह के पांच सदस्य को पकड़ा 

चोरी की 40 बाइकें बरामद , कोडवर्ड में करते थे चोरी के वाहनों का सौदा

मेरठ। मेरठ पुलिस को उस समय बड़ी सफलता मिली है। जब उसने दौराला के पास से अंतराज्यीय वाहन चोर गैंग के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है। उसने पास से चालीस चोरी की बाइकें बरामद की गयी है।पकड़े गये अभियुक्त कोर्ड वर्ड पर वाहनों को सौंदा करते थे। पुलिस गिरोह के तीन अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है। 

गिरोह की जानकारी देते हुए एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि पुलिस ने  जिन पांचों आरोपियों को गिरफतार किया है उनके पास से चोरी की 40 बाइकें, तमंचा, कारतूस बरामद हुए हैं। पकड़े गए पांचों आरोपी मेरठ में अलग अलग जगहों के रहने वाले हैं। रिजवान कुरैशी उर्फ पराठा पर 16, उवेश उर्फ मामा पर 2, अदनान उर्फ भगौना पर 10, शोएब उर्फ शिब्बू पर 6 और आरोपी शरदाब पर 1 मुकदमा दर्ज हैं। ये मुकदमे दिल्ली, मेरठ सहित वेस्ट यूपी के अन्य जिलों के थानों में दर्ज हैं। इन पांचों के अलावा पुलिस इनके 3 अन्य साथी जाकिर छब्बीस, जुनैद और हापुड़ के रहने वाले जुनैद को तलाश रही है।



पुलिस ने 1.रिजवान उर्फ पराठा, 2.अदनान, 3.शादाब, 4.उबैश 5.शोएब उर्फ शिब्बू को थाना दौराला क्षेत्रान्तर्गत A TO Z कालोनी के कट के पास से गिरफ्तार किया गया । गिरफ्तारी के दौरान अभियुक्तगण के कब्जे से चोरी की 2 मोटर साइकिल व निशादेही पर अन्य चोरी की 38 मोटर साइकिलें व एक तमंचा 315 बोर मय कारतूस के बरामद हुआ। पूछताछ में इन आरोपियों ने अपने 3 और साथियों के नाम बताए हैं। जिनकी तलाश में पुलिस जुट गई है। इसमें हापुड़ का भी एक युवक है जो पूरे गिरोह का मुखिया है।

आरोपी दिल्ली, एनसीआर के आसपास राज्यों से दो पहिया वाहन चुराते। चोरी के कुछ दिन बाद उस वाहन को कुछ दिनों के लिए कहीं छिपा देते थे। छिपाने के लिए हाता या घरों की बाउंड्री का इस्तेमाल करते। सुनसान जगहों को खोजकर वहां छिपा देते। फिर चुपचाप उस चोरी के वाहन का ग्राहक तलाशते। ग्राहक मिलने और डील डन होने के बाद उस वाहन की सप्लाई कर देते।

मेरठ और आसपास जहां संभव होता वहां ये लोग खुद ही बाइक चलाकर ले जाते और बेच आते। अगर दूर बाइक भेजनी होती तो उसके लिए ईरिक्शा का इस्तेमाल करते। ईरिक्शा में बाइक रखकर रिक्शा को पूरा पन्नी से ढंक देते फिर वाहन को दूसरे जिलों में ले जाकर डिलीवरी देते थे। इसके कारण ही ये लोग अब तक पुलिस की पकड़ में नहीं आ सके।

चोरी की बाइकों में नंबर प्लेट भी बदल देते थे। ताकि किसी को शक न हो। पूछताछ में बताया कि कुछ दिन पहले रजवाहा की पुलिया के बगल में जो हाता है जिसमें जंगल भी है वहां चारदीवारी काफी ऊंची है। हम लोगों ने वहां काफी चोरी के वाहन रखे हैं। जो हम आगे बेचने वाले थे। उन्हें हमने घासफूस से कवर कर दिया है। ताकि कोई उसे तलाश न पाए।

4 हजार में बेचते थे चोरी की बाइक

आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि साथी जाकिर छब्बीस का आसपास के जिलों में अच्छा नेटवर्क है। यही हापुड़, संभल के लोगों से कांटेक्ट करता। नया दोपहिया वाहन हम लोग 4हजार रुपए और पुराना वाहन दो से तीन हजार रुपए के हिसाब से बेचते थे।

मेरठ में सोतीगंज बंद होने से बढ़ी परेशानी

बताया कि लंबे समय से मेरठ में सख्ती के कारण चोरी के दो पहिया वाहनों की खपत नही हो पा रही है। इसलिये इन चोरी के दो पहिया वाहनों को आगे सप्लाई कर देते है । चोरी के दो पहिया वाहनों को खडा करने के लिये अलग-अलग स्थानों का उपयोग कर स्थान बदलते रहते है जिससे किसी को शक न हो।

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